राजस्थान के मेलों को उकेरा जायेगा अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर : राजे
इन मेलों में देशी-विदेशी पर्यटक ज्यादा से ज्यादा शामिल हों, इसके लिये विशेषज्ञों से सलाह लेकर इनका विस्तार इस तरह किया जायेगा ताकि इनकी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उकेरा जा सके।
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सोमवार को पुष्कर मेला मैदान में चल रहे पशु मेले का अवलोकन किया तथा पशु पालकों से बातचीत की। राजे आज सुबह पुष्कर मेला मैदान पहुंची, जहां उन्होंने देश के कोने-कोने से आए पशु पालकों से बातचीत कर उनसे पशुओं के रख-रखाव के बारे में भी जानकारी हासिल की।
उन्होंने राज्य पशु ऊंटों को देखकर वहां मौजूद ऊंट पालकों से भी बातचीत की तथा ऊंट श्रृंगार को भी मनोयोग से देखा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण संस्कृति की अनूठी झलक इन्हीं मेलों में दिखाई पड़ती है।
घोड़ी पदमा को दुलारा
राजे ने पशुओं के प्रति अपने स्नेह को अभिव्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से लाई गई ’पद्मा घोड़ी’ को देखा, सहलाया और माला पहनाकर उसके रखरखाव की तारीफ की। उन्होंने घोड़ी के मालिक बालकिशन चंदेल को बधाई दी तथा मेले में आए अन्य घोड़ों को भी देखा।मुख्यमंत्री को घोड़ी के मालिक चंदेल ने बताया कि लगभग चार साल की पदमा की पुष्कर मेले में डेढ़ करोड़ की कीमत लगाई जा चुकी है, परन्तु अब उनका घोड़ी बेचने का इरादा बदल गया है। इस घोड़ी को उन्होंने आगरा के पास लगने वाले बेणेश्वर मेले से लगभग 3 साल पहले खरीदा था। मारवाड़ी हाईब्रीड नस्ल की इस घोड़ी की ऊंचाई 70 इंच है। इस घोड़ी को प्रतिदिन आठ लीटर दूध, चना और अन्य सामग्री खिलाई जाती है।