अब पानी का बिल भी डालेगा आपकी जेब पर डाका
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/11/preparations-for-increase-the-rates-of-drinking-water.html
जयपुर। महंगाई की मार झेल रही जनता पर अब और भार बढ़ सकता है और जीवन का मुख्य आधार माने जाने वाला पीने का पानी भी उपभोक्ताओं की जेब पर मार बढ़ा सकता है। इसके लिए जलदाय विभाग में कवायद शुरू हो चुकी है और सम्भवतया अगले महीने से पानी की बढ़ी हुई कीमतों के हिसाब से बढ़ी हुई बिल की राशि उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाल सकती है।
जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं को एक ओर जहां पानी की बढ़ी हुई दरों का भुगतान करना होगा, वहीं दूसरी ओर मीटर सर्विस चार्ज के रूप में बंद मीटरों का 20 रुपए प्रति माह भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि जलदाय विभाग की ओर से 17 साल बाद नवम्बर 2015 में पानी की नई दरें लागू की है, पानी की नई दरों में बढ़ोतरी करने के साथ ही जलदाय विभाग की ओर से उपभोक्ता सर्विस चार्ज में भी भारी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जलदाय विभाग की ओर से लागू की गई पानी की नई दरों से विभाग को फायदा कम बल्कि उपभोक्ताओं को नुकसान ज्यादा होने वाला है।
गौरतलब है कि अकेले राजधानी जयपुर में 4 लाख से ज्यादा पेयजल उपभोक्ता है, इनमें से 2 लाख 85 हजार से ज्यादा पेयजल उपभोक्ताओं के मीटर खराब पड़े हैं। जलदाय विभाग हर माह राजधानी में उपभोक्ताओं से मीटर सर्विस चार्ज के रूप में 50 से 55 लाख रूपए की वसूली तो कर रहा है, लेकिन इसके बदले वह उपभोताओं को न तो सर्विस दे रहा है और न ही उपभोक्ताओं के पेयजल मीटर बदले जा रहे हैं। ऐसे में पानी की दरों में इजाफा किए जाने से जलदाय विभाग के राजस्व में तो बढ़ोतरी होगी, लेकिन जनता को महंगाई की मार और झेलनी पड़ेगी।
जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं को एक ओर जहां पानी की बढ़ी हुई दरों का भुगतान करना होगा, वहीं दूसरी ओर मीटर सर्विस चार्ज के रूप में बंद मीटरों का 20 रुपए प्रति माह भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि जलदाय विभाग की ओर से 17 साल बाद नवम्बर 2015 में पानी की नई दरें लागू की है, पानी की नई दरों में बढ़ोतरी करने के साथ ही जलदाय विभाग की ओर से उपभोक्ता सर्विस चार्ज में भी भारी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जलदाय विभाग की ओर से लागू की गई पानी की नई दरों से विभाग को फायदा कम बल्कि उपभोक्ताओं को नुकसान ज्यादा होने वाला है।
गौरतलब है कि अकेले राजधानी जयपुर में 4 लाख से ज्यादा पेयजल उपभोक्ता है, इनमें से 2 लाख 85 हजार से ज्यादा पेयजल उपभोक्ताओं के मीटर खराब पड़े हैं। जलदाय विभाग हर माह राजधानी में उपभोक्ताओं से मीटर सर्विस चार्ज के रूप में 50 से 55 लाख रूपए की वसूली तो कर रहा है, लेकिन इसके बदले वह उपभोताओं को न तो सर्विस दे रहा है और न ही उपभोक्ताओं के पेयजल मीटर बदले जा रहे हैं। ऐसे में पानी की दरों में इजाफा किए जाने से जलदाय विभाग के राजस्व में तो बढ़ोतरी होगी, लेकिन जनता को महंगाई की मार और झेलनी पड़ेगी।