एक ऐसी भी विधानसभा सीट, जहां कांग्रेस का किला कोई नहीं ढ़हा सका

गुड़ामालाणी (भगाराम पंवार)। राजस्थान विधानसभा के लिए सीमावर्ती बाड़मेर जिले की गुड़ा मालानी विधानसभा सीट का गठन 1957 में स्वतंत्र रूप से...

गुड़ामालाणी (भगाराम पंवार)। राजस्थान विधानसभा के लिए सीमावर्ती बाड़मेर जिले की गुड़ा मालानी विधानसभा सीट का गठन 1957 में स्वतंत्र रूप से हुआ, तब से लेकर अब तक बारह विधानसभा चुनाव हो चुके हें। सभी बारह बार जाट नेता ही विधायक चुने गए। हालांकि इस सीट पर जाट और विश्नोई उन्नीस-बीस के अंतर में मतदाता है।

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इस सीट से केवल एक बार कांग्रेस छोड़ जनता दल से चुनाव लड़ने वाली मदन कौर ने चुनाव जीता और वे आज कांग्रेस में है। इसके अतिरिक्त इस सीट से अन्य कोई दल कांग्रेस के सामने टिक नहीं पाया। प्रथम चुनाव जाट समाज के प्रेरणास्रोत रामदान चौधरी लड़े, उन्होंने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। पांच बार हेमाराम, चार बार गंगाराम, एक-एक बार रामदान, मदन कौर, परसराम मदेरणा विधायक बने।

गुड़ामालाणी सीट पर अब तक हुए चुनावों पर एक नजर

प्रथम चुनाव 1957 : गुडा मालानी विधानसभा क्षेत्र के रूप में पहली बार अस्तित्व में आया, जहां 50,902 मतदाताओ में से 14,247 मतदाताओं ने मतदान किया। इन चुनावों में रामदान चौधरी (कांग्रेस) को 6,712, राम राज्य परिषद् के बाबु को 4,981 और निर्दलीय दल्ला को 1385 मत मिले। इस प्रकार कांग्रेस के रामदान चौधरी ने 1,731 मतों से विजय हासिल की।

दूसरा चुनाव 1962 : इस सीट के लिए दूसरा चुनाव उन्नीस फरवरी को संपन हुआ। इस बार गुडा में 67,261 मतदाताओ में से 23,235 मतदाताओ ने वोट डाले। इस बार रामदान चौधरी के पुत्र गंगाराम चौधरी कांग्रेस से मैदान में उतारे गए। इन चुनाव में गंगाराम (कांग्रेस) को 11,527 बच्चू को 5,005, धर्मेन्द्र सिंह को 4,934, लिखमी चंद को 293 मत मिले। कांग्रेस के गंगाराम चौधरी ने यह सीट 6,572 मतों से जीत कर विधानसभा में प्रवेश किया।

तीसरा चुनाव 1967 : विधानसभा चुनाव में इक्कीस फरवरी को वोट डाले गए, जिसमे 59,989 मतदाताओं में से 19,803 मतदाताओं ने वोट डाले। इन चुनावो में गंगाराम ने कांग्रेस से चुनाव लड़ 11,169 मत हासिल किए, वहीं डी सिंह को 7,632 मत मिले। गंगाराम ने यह सीट 3537 मतों से जीती।

चौथा चुनाव 1972 : छ मार्च को हुए चुनावो में 68,038 मतदाताओ में  से 35,452 मतदाताओ ने वोट डाले। इन चुनावो में कांग्रेस के गंगाराम चौधरी को 26,922 स्वतंत्र पार्टी के धीमाराम को 7,193 मत मिल। सीधे मुकाबले में गंगाराम ने तीसरी बार 19,729 मतों के अंतर से सीट जीत विधानसभा में पहुंचे।

पांचवा चुनाव 1977 : तेरह जून 1977 को छठी विधानसभा के लिए गुड़ा में 77,960 मतदाताओ में से 39,729 मतदाताओं ने मत डाले। सित्यासी पोलिंग बूथ पर डाले गए मतों में, गंगाराम चौधरी (कांग्रेस) को 24,917, जनता पार्टी के पूनम चंद को 12,728 मूलाराम को 931, रामकिशोर को 126 मत मिले। कांग्रेस के गंगाराम ने 12,189 मतों के अंतर से विजय हासिल की।

छठा चुनाव 1980 : सातवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावो में बाड़मेर जिले की राजनीती में जोरदार उठा-पटक हुई। कांग्रेस की दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़ कांग्रेस अर्स में चले गए। कांग्रेस ने पहली बार हेमाराम चौधरी को मैदान में उतारा और हेमाराम का मुकाबला इसी क्षेत्र से चार बार लगातार चुनाव जीतने वाले गंगाराम से था। मगर गंगाराम का कांग्रेस छोडऩा मतदाताओ को रास नहीं आया। इन चुनावो में हेमाराम चौधरी को 27,208, कांग्रेस अर्स के गंगाराम चौधरी को 16,088, निर्दलीय धीमाराम को 2,172 मत मिले। हेमाराम चौधरी ने पहली बार 11,120 मतों से विजय हासिल की और विधायक बन विधानसभा पहुंचे।

सातवां चुनाव 1985 : पांच मार्च को आठवीं विधानसभा के लिए गुड़ा के 1,14,817 मतदाताओ में से 50,388 मतदाताओ ने 139 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले, जिसमे कांग्रेस के हेमाराम चौधरी को 38,127, लोकदल के कैलाश बेनीवाल को 9,404, भीखाराम को 1,477, जयदेव को 590 मत मिले। हेमाराम ने 28,723 मतों के विशाल अंतर से जीत हासिल की।

आठवां चुनाव 1990 : नवीं विधानसभा के लिए सत्ताईस फरवरी को वोट डाले गए। गुड़ा के 1,33,714 मतदाताओ में से 69,976 मतदाताओ ने वोट डाले, जिसमे जनता दल की मदन कौर को 40.594, कांग्रेस के चैनाराम को 17,867, मगाराम को 3,878 तथा अन्य उम्मीदवारों जालाराम, जेताराम, ज्वाला, करना, अहमद, नरसी, मोटाराम, ताजाराम अचलाराम और सुखराम को छ सौ और उसे कम मत मिले। कांग्रेस छोड़ जनता दल से मैदान में उतारी मदन कौर ने यह चुनाव 23,527 मतों से जीता।

नौवां चुनाव 1993 : दसवीं विधानसभा के लिए ग्यारह नवम्बर को मत डाले गए। गुडा में 154 मतदान केन्द्रों पर 1,48,616 मतदाताओ में से 82,617 मतदाताओ ने वोट डाले। इन चुनावो में कांग्रेस ने अपने दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा जो प्रतिपक्ष नेता थे, उन्हें मैदान में उतारा। परसराम को 44,680, भाजपा के डॉ सत्यपाल को 29,348, हरिराम को 2,994, भीखाराम को 1,922, मांगीलाल कलबी 1,220, ज्वाला प्रसाद को 729, खेताराम को 100 मत हासिल हुए। परसराम मदेरणा को 15,332 मतों से जीत मिली।

दसवां चुनाव 1998 : ग्यारहवी विधानसभा के लिए पच्चीस नवम्बर को 259 मतदान केन्द्रों पर गुडा के 1,62,631 मतदाताओं में से 98,268 मतदाताओ ने वोट डाले। कांग्रेस ने एक बार फिर हेमाराम चौधरी को गुडा से मैदान में उतारा। इन चुनावों में हेमाराम को 69,819, भाजपा के कैलाश बेनीवाल को 17,282, किशोरीलाल को 4,603, गोरधनराम को 2,781, मगाराम को 2,348 मत मिले। हेमाराम चौधरी ने शानदार वापसी कर कैलाश को 52,537 मतों के रिकार्ड मतों से हराया।

ग्यारहवां चुनाव 2003 : बारहवीं विधानसभा के लिए क्षेत्र के 328 मतदान केन्द्रों पर 1,95,105 मतदाताओ में से 1,40,435 मतदाताओ ने वोट डाले। इसमें भाजपा ने लादूराम विश्नोई को हेमाराम चौधरी से मुकाबले के लिए मैदान में उतारा। इन चुनावो में हेमाराम चौधरी को 71,647, लादूराम विश्नोई को 59,735, मगाराम नैन को 9,000 मत मिले। हेमाराम 11,912 मतों से विजयी हुए।

बाहरवा चुनाव 2008 : तेरहवीं विधानसभा के लिए गत चुनावो में भाजपा के लादूराम विश्नोई और कांग्रेस के हेमाराम के बीच फिर से मुकाबला हुआ। इन चुनावो में गुडा के 1,70,642 मतदाताओ में से 1,29,703 मतदाताओ ने वोट डाले, जिसमे हेमाराम चौधरी को 62,166, लादूराम को 52,889, गोरधनराम को 3,065, रतनलाल को 2,964, धोधाखन को 1,491, मालाराम को 793, सुशीला को 4,233, अनोपराम को 781, गुलाबराम को 694, आसुरं को 603 मत मिले। इस प्रकार हेमाराम ने लादूराम को दूसरी बार नौ हज़ार से अधिक मतों से मात देकर चुनाव जीता।

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