फिर फूटेगा रामनिवास बाग में फूटकोर्ट का विरोध
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/10/protest-against-food-court-in-ramniwas-bagh.html
जयपुर। शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र और शहर की ह्रदयस्थली माने जाने वाले रामनिवास बाग की बालोद्यान भूमि पर जेडीए द्वारा बनाए जाने वाले फूडकोर्ट के प्रस्ताव पर रामनिवास बाग बचाओ संघर्ष समिति ने विरोध जताते हुए, इसके विरोध में जनआंदोलन किए जाने का निर्णय लिया है। पूर्व मुख्य वनसंरक्षक राजेन्द्र भंडारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में समिति संयोजक अश्विनी तिवाड़ी ने बताया कि रामनिवास बाग में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के विरोध में मुख्यमंत्री एवं रामनिवास बाग एम्पावर्ड कमेटी अध्यक्ष, मुख्य सचिव, जयपुर शहर के विधायक, मंत्री एवं सांसदों को सुप्रीम कोर्ट एवं राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की प्रतियां दी जाएगी। इनमें बताया गया कि 25 जून 2009 को भेजे गए जवाब के पत्र की जानकारी एवं 49 साल पहले वैकल्पिक मार्ग, शहर में बढ़ती आबादी एवं वाहन सं या तथा बाग के पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए दिए गए आदेशों की आज तक पालना नहीं हो रही है।
इसके अतिरिक्त 2014 में जेडीए द्वारा मार्ग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिए गए निर्णय की प्रतियां भी दी जाएगी। साथ ही सरकार व जेडीए की ओर से लगातार न्यायालय के आदेशों की अवमानना किए जाने की निन्दा की जाएगी। वहीं समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि जेडीए द्वारा बाग को बाग के रूप में ही विकसित किया जाना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, समिति मंत्री राजकुमार दुग्गड़ ने बताया कि बैठक में इस बात पर आश्चर्य जताया गया कि जेडीए की ओर से एम्पावर्ड कमेटी, मुख्य सचिव को जानकारी दिए बगैर रामनिवास बाग में निर्माण कराए जाने का फैसला कैसे लिया गया। ऐसे में अब रामनिवास बाग में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के विरोध में सभी सदस्यों, सामाजिक संगठनों के साथ ही शहर के आमजन के सहयोग से जनआंदोलन चलाया जाएगा, जिसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी जल्द ही शुरू किया जाएगा, साथ ही जेडीए को सद्बुद्धि के लिए हवन भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एम्पावर्ड कमेटी ने रामनिवास बाग के सौंदर्यकरण को लेकर विभिन्न योजनाएं बताई थी, लेकिन पार्किंग स्थल बनाने के अलावा अन्य योजनाएं जेडीए उस दौरान पूरा नहीं कर पाया। इन योजनाओं में यहां पर पार्किंग स्थलों पर भी खाने-पीने के साथ मनोरंजन के संसाधन विकसित करने की योजना शामिल है। पहले यहां अण्डग्राउण्ड फूडकोर्ट विकसित की प्लानिंग थी।
बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में समिति संयोजक अश्विनी तिवाड़ी ने बताया कि रामनिवास बाग में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के विरोध में मुख्यमंत्री एवं रामनिवास बाग एम्पावर्ड कमेटी अध्यक्ष, मुख्य सचिव, जयपुर शहर के विधायक, मंत्री एवं सांसदों को सुप्रीम कोर्ट एवं राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की प्रतियां दी जाएगी। इनमें बताया गया कि 25 जून 2009 को भेजे गए जवाब के पत्र की जानकारी एवं 49 साल पहले वैकल्पिक मार्ग, शहर में बढ़ती आबादी एवं वाहन सं या तथा बाग के पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए दिए गए आदेशों की आज तक पालना नहीं हो रही है।
इसके अतिरिक्त 2014 में जेडीए द्वारा मार्ग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिए गए निर्णय की प्रतियां भी दी जाएगी। साथ ही सरकार व जेडीए की ओर से लगातार न्यायालय के आदेशों की अवमानना किए जाने की निन्दा की जाएगी। वहीं समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि जेडीए द्वारा बाग को बाग के रूप में ही विकसित किया जाना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, समिति मंत्री राजकुमार दुग्गड़ ने बताया कि बैठक में इस बात पर आश्चर्य जताया गया कि जेडीए की ओर से एम्पावर्ड कमेटी, मुख्य सचिव को जानकारी दिए बगैर रामनिवास बाग में निर्माण कराए जाने का फैसला कैसे लिया गया। ऐसे में अब रामनिवास बाग में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों के विरोध में सभी सदस्यों, सामाजिक संगठनों के साथ ही शहर के आमजन के सहयोग से जनआंदोलन चलाया जाएगा, जिसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी जल्द ही शुरू किया जाएगा, साथ ही जेडीए को सद्बुद्धि के लिए हवन भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी एम्पावर्ड कमेटी ने रामनिवास बाग के सौंदर्यकरण को लेकर विभिन्न योजनाएं बताई थी, लेकिन पार्किंग स्थल बनाने के अलावा अन्य योजनाएं जेडीए उस दौरान पूरा नहीं कर पाया। इन योजनाओं में यहां पर पार्किंग स्थलों पर भी खाने-पीने के साथ मनोरंजन के संसाधन विकसित करने की योजना शामिल है। पहले यहां अण्डग्राउण्ड फूडकोर्ट विकसित की प्लानिंग थी।