अजमेर हुआ महात्मा गांधी की स्म्रतियों से रूबरू
अजमेर। महात्मा की स्मृतियां प्रदर्शनी के माध्यम से अजमेर के नागरिकों ने महात्मा गांधी को जाना। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबन्ध न...
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अजमेर। महात्मा की स्मृतियां प्रदर्शनी के माध्यम से अजमेर के नागरिकों ने महात्मा गांधी को जाना। अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबन्ध निदेशक हेमन्त गेरा ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
गांधी की स्मृतियों का चल प्रदर्शनी का सावित्राी काॅलेज में अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक गेरा ने अवलोकन किया और इसे महात्मा गांधी से जुड़ने का माध्यम बताया। सावित्राी काॅलेज परिसर में नई पीढ़ी के साथ-साथ वयोवृद्ध नागरिकों ने भी प्रदर्शनी का उपयोग लिया। गांधी भवन में स्कूली बच्चों ने प्रदर्शनी देखकर एक-दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर कहा ‘‘अच्छा तो यह हैं गांधीजी।‘‘
तीसरे भारत अफ्रीका शिखर सम्मेलन के उपलक्ष्य पर पोरबन्दर से शुरू हुई महात्मा की स्मृतियों की चल प्रदर्शनी का शनिवार को अजमेर के सावित्राी काॅलेज और गांधी भवन में प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनी में महात्मा गांधी से जुड़े व्यक्तियों, वस्तुओं, विचारों तथा स्थानों को दृश्य-श्रृव्य माध्यम तथा छाया चित्रों द्वारा दिखाया गया। इससे मोहनदास के दादा पोरबन्दर के दीवान उत्तमचंद गांधी से लेकर नथ्थूराम विनायक गोडसे तक के सफर को सबने जाना। दृश्य-श्रृव्य माध्यमों के द्वारा मोहनदास को महात्मा बनाने वाली अफ्रीका की घटनाओं को जीवंत किया गया। इसमें केवल यूरोपियन के लिए उपयोग होने वाला मानव रिक्शा, होटल के बाहर लगी हुई तख्ती जो यह दिखाती है की कार्यकारी वर्ग को होटल में ठहराया नहीं जाता है, साथ ही एक ऐसा फूटपाथ जिस पर यह लिखा हुआ हो कि यहां भारतीयों का टहलना मना है। चल प्रदर्शनी अजमेर से जयपुर, पिलानी गुड़गांव होते हुए दिल्ली पहुंचेगी जहां यह शिखर सम्मेलन का आकर्षण होगी।
गांधी की स्मृतियों का चल प्रदर्शनी का सावित्राी काॅलेज में अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक गेरा ने अवलोकन किया और इसे महात्मा गांधी से जुड़ने का माध्यम बताया। सावित्राी काॅलेज परिसर में नई पीढ़ी के साथ-साथ वयोवृद्ध नागरिकों ने भी प्रदर्शनी का उपयोग लिया। गांधी भवन में स्कूली बच्चों ने प्रदर्शनी देखकर एक-दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर कहा ‘‘अच्छा तो यह हैं गांधीजी।‘‘
तीसरे भारत अफ्रीका शिखर सम्मेलन के उपलक्ष्य पर पोरबन्दर से शुरू हुई महात्मा की स्मृतियों की चल प्रदर्शनी का शनिवार को अजमेर के सावित्राी काॅलेज और गांधी भवन में प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनी में महात्मा गांधी से जुड़े व्यक्तियों, वस्तुओं, विचारों तथा स्थानों को दृश्य-श्रृव्य माध्यम तथा छाया चित्रों द्वारा दिखाया गया। इससे मोहनदास के दादा पोरबन्दर के दीवान उत्तमचंद गांधी से लेकर नथ्थूराम विनायक गोडसे तक के सफर को सबने जाना। दृश्य-श्रृव्य माध्यमों के द्वारा मोहनदास को महात्मा बनाने वाली अफ्रीका की घटनाओं को जीवंत किया गया। इसमें केवल यूरोपियन के लिए उपयोग होने वाला मानव रिक्शा, होटल के बाहर लगी हुई तख्ती जो यह दिखाती है की कार्यकारी वर्ग को होटल में ठहराया नहीं जाता है, साथ ही एक ऐसा फूटपाथ जिस पर यह लिखा हुआ हो कि यहां भारतीयों का टहलना मना है। चल प्रदर्शनी अजमेर से जयपुर, पिलानी गुड़गांव होते हुए दिल्ली पहुंचेगी जहां यह शिखर सम्मेलन का आकर्षण होगी।