डा. लाल थदानी का नियम विरुद्ध तबादला
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/06/illegal-transfer-of-Dr-lal-thadani.html
अजमेर। पिछले करीबन सात साल से डिप्टी सीएमएचओ रहे डा. लाल थदानी का नियम विरुद्ध तबादला कर उन्हें किशनगढ़ के बीसीएमओ पद पर लगाया गया है। बताया जाता है कि इसके पीछे गहरी राजनीति है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस तबादले में हार्इकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की गर्इ है। डा. थदानी का प्रमोशन होना है और उनका नाम डीओपी की सूची में भी है, ऐसे में उनका इस प्रकार तबादला करना नियम विरुद्ध है।
ज्ञातव्य है कि ये आदेश देर रात निकाले गए, इस पर निदेशालय से उचित मार्गदर्शन लेने की बजाय सीएमएचओ ने सुबह सात बजे फिर गलत आदेश निकाल दिए। डा के के सोनी 8 जून को सीधे उप निदेशक अजमेर जोन के रिक्त पद पर ऊँची छलांग का गलत आदेश दिया। डा सोनी ने पद रिक्त नही होते हुए भी ज्वाइन किया। डा वंदना चौधरी पहले से ही कार्यरत थी और भाजपा नेता डा महेंद्र चौधरी की पत्नी भी थी।
गबन और अन्य कर्इ भ्रष्टाचार के आरोपो से एसी बी की जांच में घिरे डा गजेन्द्र सिसोदिया ने मौके को भुना लिया। उन्होंने निदेशालय में डा सुनील सिंह जो मंत्राी के पी ए की तरह काम करते हैं, उनसे दोनों की लेन देन कराते हुए 9 जून को ही डा सोनी के लिए आरक्षित करते हुए अथवा उपनिदेशक पद के प्रबल दावेदार डा लाल थदानी के स्थान पर किया। यहाँ चूक हो गई और उन्हें उसी पद अथवा उच्च पद पर करने की बजाय रात को 11 बजे आनलाइन आदेश जारी किये।
निदेशालय से संशोधन आदेश 2 या 3 चिकित्सको के अलग से जारी होते है। मगर गलत आदेश की क्रियानिवति के लिए बाध्य नही है । मगर क्योकि मिलीभगत और सांठ गाठ थी, इसलिए डा सोनी को सामान्य तबादला सूची में शामिल किया गया। इस तरह उन्होंने मंत्राी के साथ 2 निदेशक को भी अँधेरे में रखा । देर रात के आदेशो की पालनार्थ अगले दिन सुबह 7 बजे जारी कर निदेशालय की गलती पर मोहर लगा दी।
डा थदानी सीएमएचओ है और 1 जन 2008 से लगातार डिप्टी सीएचओ के पद पर कार्यरत थे। पिछली सरकार में उन्हें 2 बार सीएमएचओ बनने का मौका मिला मगर सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्होंने सीएमएचओ का पद ठुकराया।
ज्ञातव्य है कि ये आदेश देर रात निकाले गए, इस पर निदेशालय से उचित मार्गदर्शन लेने की बजाय सीएमएचओ ने सुबह सात बजे फिर गलत आदेश निकाल दिए। डा के के सोनी 8 जून को सीधे उप निदेशक अजमेर जोन के रिक्त पद पर ऊँची छलांग का गलत आदेश दिया। डा सोनी ने पद रिक्त नही होते हुए भी ज्वाइन किया। डा वंदना चौधरी पहले से ही कार्यरत थी और भाजपा नेता डा महेंद्र चौधरी की पत्नी भी थी।
गबन और अन्य कर्इ भ्रष्टाचार के आरोपो से एसी बी की जांच में घिरे डा गजेन्द्र सिसोदिया ने मौके को भुना लिया। उन्होंने निदेशालय में डा सुनील सिंह जो मंत्राी के पी ए की तरह काम करते हैं, उनसे दोनों की लेन देन कराते हुए 9 जून को ही डा सोनी के लिए आरक्षित करते हुए अथवा उपनिदेशक पद के प्रबल दावेदार डा लाल थदानी के स्थान पर किया। यहाँ चूक हो गई और उन्हें उसी पद अथवा उच्च पद पर करने की बजाय रात को 11 बजे आनलाइन आदेश जारी किये।
निदेशालय से संशोधन आदेश 2 या 3 चिकित्सको के अलग से जारी होते है। मगर गलत आदेश की क्रियानिवति के लिए बाध्य नही है । मगर क्योकि मिलीभगत और सांठ गाठ थी, इसलिए डा सोनी को सामान्य तबादला सूची में शामिल किया गया। इस तरह उन्होंने मंत्राी के साथ 2 निदेशक को भी अँधेरे में रखा । देर रात के आदेशो की पालनार्थ अगले दिन सुबह 7 बजे जारी कर निदेशालय की गलती पर मोहर लगा दी।
डा थदानी सीएमएचओ है और 1 जन 2008 से लगातार डिप्टी सीएचओ के पद पर कार्यरत थे। पिछली सरकार में उन्हें 2 बार सीएमएचओ बनने का मौका मिला मगर सामाजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्होंने सीएमएचओ का पद ठुकराया।