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जयपुर। राजधानी जयपुर में कई ऐतिहासिक मंदिरों को तोड़े जाने के विरोध में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित चक्काजाम को लेकर शहर के 100 से अधिक चौराहों पर चक्का जाम का आयोजन किया गया, जिससे राजधानी जयपुर दो घंटे के लिए मानो थम सी गई और जो सुबह 9 से 11 के बीच जो जहां पर था वहीँ पर रुककर रह गया।
हालांकि संघ की ओर से आयोजित इस चक्काजाम के दौरान परीक्षार्थियों, पुलिस और एंबुलेंस को नहीं रोका गया। इस दौरान परीक्षा देने जा रहे परीक्षार्थियों के प्रवेश-पत्र देखकर उन्हें जाम से बाहर निकाल दिया गया। वहीं चक्काजाम के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से कड़े इन्तेजाम किए गए थे। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी एवं यातायात पुलिसकर्मी व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहे।
संघ और दूसरे संगठनों ने शहर में तोड़े गए प्राचीन मंदिरों के विरोध में चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया था, जिस पर राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए कहा कि रोजगारेश्वर मंदिर समेत चारदीवारी के 6 मंदिरों को वापस उसी स्थान पर बनवाया जाएगा, जहां से उन्हें तोडा गया था।
संघ के समर्थन से आयोजित चक्काजाम और बंद पूरी तरह सफल रहा। दो घंटे शहर की रफतार पूरी तरह रूक गई तो 11 बजे जाम खुलने के बाद भी अगले एक से डेढ़ घंटे तक सड़कों पर वाहन रेंगते दिखाई दिए। इस दौरान ट्रैफिक डायवर्जन और वकल्पिक व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमर्रा गई हालांकि देश मे ंपहली बार इस तरह का मंदिर तोडऩे के विरोध में बंद हुआ जो पूरी तरह कामयाब रहा।बंद को कामयाब करने के लिए संघ की कड़ी मेहनत रंग लाई। चक्काजाम को सफल करने के लिए कई मंत्रियों ने सक्रिया भूमिका निभाई तो विधायक खुलकर बाहर सामने आए।
विभिन्न संगठनों का समर्थन
सीकर रोड स्थित सन एण्ड मून चौराहे पर मंदिर बचाओ संघर्ष समिति की ओर से चक्का जाम रखा गया, जिसमें अरूण लखेरा, राकेश अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल समेत कई कार्यकर्ताओं ने चौराहे के बीच बैठकर रामधुनी की और चक्का जाम किया।वहीं अम्बाबाड़ी तिराहे, पानीपेच तिराहे, कलेक्ट्री सर्किल, खासा कोठी, गर्वेन्टमेंट हॉस्टल, रेलवे स्टेशन के बाहर परशुराम सर्किल, बाईस गोदाम समेत शहर के मुख्य चौराहों पर चक्का जाम किया गया। चक्का जाम करने वाले संगठनों में विहिप, मंदिर बचाओ संघर्ष समिति, भारतीय मजदूर संघ, शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) समेत कई संगठन शामिल हुए।
परीक्षार्थियों को हुई देरी
चक्का जाम के कारण कई परीक्षार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान परीक्षा का समय होने के कारण उन्हें रास्ता बंद होने के कारण वहां से निकलकर परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने में कुछ देरी हुई। हालांकि परीक्षार्थियों, पुलिस एवं एम्बुलेंस को नहीं रोका जा रहा था। लेकिन परीक्षार्थियों का परमिशन लेटर देखने और उन्हें जाम से बाहर निकालने में लगने वाले समय के कारण उन्हें परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने में कुछ देरी हुई।
कुछ जगह मामूली कहासुनी
चक्का जाम को एक ओर जहां लोगों को पूरा समर्थन मिला, वहीं दूसरी ओर कुछेक जगह पर वहां से निकलने वाले लोगों एवं संगठन कार्यकताओं के बीच मामूली कहासुनी भी हुई। चौमूं हाउस पर हॉस्पिटल जा रहे एक मोटरसाइकिल चालक के वहां से निकलने पर कुछ कार्यकताओं ने मोटरसाइकिल के पहिए में से हवा निकालने का प्रयास किया, जिस पर वरिष्ट पदाधिकारियों ने समझाईश कर उन्हें रोका।
यहां दिखा चक्का जाम का खासा असर :
संघ और दूसरे संगठनों की ओर से आयोजित इस चक्काजाम से शहर के कई चौराहों पर जाम लगने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गई और लोग जाम से फंसे रहे। इन चौराहों में बड़ी चौपड़, रामगंज चौपड़, सूरजपोल गेट, गलता गेट, सांगानेरी गेट, न्यू गेट, अजमेरी गेट, पांचबत्ती, स्टेच्यू सर्किल, गवर्नमेंट हॉस्टल, चौमू सर्किल, मानबाग, आमेर गांधी चौक, जोधा शाह की पीपली, नगर के गणेश जी, गणगौरी बाजार, पौंड्रिक तिराहा, आदर्श विद्या मंदिर चौराहा, बगरू वालों का रास्ता, गुरुद्वारा मोड ट्रांसपोर्ट नगर, बर्फ खाना, मोती डूंगरी गणेश मंदिर चौराहा त्रिमूर्ति सर्किल, टर्मिनल तिराहा, पंचवटी सर्किल, रामगढ़ मोड, जोरावर सिंह गेट, बाईस गोदाम सर्किल, अंबेडकर सर्किल, रामबाग सर्किल सहित शहर के सभी इलाकों में स्थित प्रमुख चौराहों पर चक्काजाम का खासा असर नजर आया।
कांग्रेस ने बताया नौटंकी
कांग्रेस के प्रवक्ता प्रतापसिंह खाचरियवास का कहना है कि यह बंद एक तरक नाटक के रूप में रखा गया है। सरकार ने मंदिर तोडऩे का अपराध किया उस अपराध से बचने के लिए और मंदिर रूपी राजनीति को जारी रखने के लिए यह नाटक गया। पुलिस खुद सड़क पर वाहन रूकवा रही थी और आम जनता को हर जगहों पर परेशान किया गया है। महिलाओं की अपील तक नहीं सुनी। संघ जनता की बजाय सरकार का रास्ता रोकता और अच्छा यह होता कि उन प्राचीन मंदिरों का सरकार दुबारा बनवाती लेकिन आज दो घंटे चला नाटकीय घटनाक्रम में आम जनता ही पिंसी। आम जनता को परेशान करने वालों पर राजद्रोह का अपराध किया है।