छोटी काशी में गूजे माता के जयकारे

जयपुर। इस बार हस्त नक्षत्र में हुए नवरात्र के आगज के कारण मंदिरों में शनिवार सुबह से ही विशेष आयोजन का सिलसिला देखने को मिला। धर्मनगरी माने जानी वाली गुलाबी नगरी में घर -घर माता की स्थापना होने के साथ मंदिरों में अखण्ड ज्योत और मां के सजे दरबार को देखने केलिए शाम को मंदिरों में भीड़ उमड़ पड़ी।  इस अवसर पर समितियों की ओर से राममंदिरों और देवी के स्थानों के लिए विभिन्न स्थानों से पदयात्राएं भी रवाना हुई।

आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पर शारदीय नवरात्र के श्रेष्ठद्द मुहूर्त में प्रात: 6.25 से 7.20 बजे तक , शुभ के चौघड़िए में प्रात: 7.53 से 9.20 बजे व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11.52 से 12.39 बजे तक घट स्थापना विधिविधान से की। इस दौरान मंदिर प्रांगण देवी के जयकारों व आरती पूजा से गुंजायमान हो गए।

जयपुर की कुल देवी आमेर शिला माता के दर्शनों के लिए देर रात से ही पहुंचना शुरू हो गया। सुबह मंदिर के बाहर करीब एक किलोमिटर तक लंबी लाईन लग गई और भक्तों को कंट्रोल कर पाना प्रशासन के लिए मुश्किल साबित हुआ। इस बार  दो लाईनों में किए माता के दर्शन: माता के भक्तों के लिए आमेर मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में धूप से बचने व  दर्शन आसानी से हो सके इसके लिए व्यवस्थाएं की गई।

भक्तों ने दो अलग-अलग लाईनों में दर्शनों किए। मंदिर में गर्भ ग्रह में चली करीब एक घंटे से अधिक अवधी में पूजा व घटस्थापना के बाद भक्तों ने माता के दर्शन किए। इस दौरान माता के भक्तों ने श्रद्धाभाव से माता के दर पर अपनी भावना प्रकट कर मन्नते मांगी और घर-परिवार के लिए खुशहाली की कामना की। माता के  भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस दौरान शहर के अन्य मंदिरों में भी माता के भक्तों को पहुंचना सुबह से ही शुरू हो गया।

भक्तों ने घरों में पूजा-पाठ करने केबाद मंदिरों में जाकर के मां के सजाए गए भव्य दरबार के दर्शन किए। भक्तों ने माता को फूल माला, प्रसाद, चूनरी और नारीयल आदि अर्पित किए। इस दौरान माता के भक्तों ने दंडवत प्रणाम कर और माता के भजन गाकर माता को रिझाया।

आमेर शिलामाता मंदिर की सूचना के अनुसार 6 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक प्रात: 6 बजे से 12:30 बजे तक और सायं 4 से 8:30 बजे तक दर्शन खुले रहेंगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार इस बार दर्शनार्थियों को पूरे समय और उनके मंदिर में रहने तक दर्शन कराये जाएंगे।

इसी प्रकार प्रदेशभर के देवी मंदिरों व अन्य जगहों पर विधिविधान से पूजा-अर्चना के साथ ही अन्य आयोजन होंगे। प्रदेश की प्रमुख देवी पीठों पर जप, अनुष्ठद्दान,जागरण और यज्ञ, हवन के साथ ही माता के अन्य अन्य आयोजनों की नौ दिनों तक धूम रहेगी।

इसी प्रकार मानसरोवर स्थित मातेश्वरी महादेव मंदिरो में 9 देवियों का , पारेसश्वर महादेव मंदिर स्वर्ण पथ में रामचरित्र मानस का, गलता रोड स्थित खोले के हनुमान जी के रामचरित्र मानस का पाठ शुरू हुआ। मंदिरों में दर्शनों के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से इंतजाम किए गए है।

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