बेघरों के लिए बनाएं आश्रय स्थल : कलेक्टर
अजमेर । जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिले में बेघरों के लिए अतिरिक...
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अजमेर । जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिले में बेघरों के लिए अतिरिक्त आश्रय स्थलों का निर्माण करने के लिए शहरी निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
उन्होंने कहा कि बेघर व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाना आवश्यक है। नगरीय निकायों की एक लाख की आबादी पर 100 व्यक्तियों की क्षमता वाले आश्रय स्थल का निर्माण किया जाए। अजमेर शहर में वर्तमान में 4 आश्रय स्थल विद्यमान है। नगर निगम द्वारा 4 अतिरिक्त आश्रय स्थलों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
इसी प्रकार जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषद द्वारा भी आबादी की आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक के पास भेजे जाएंगे। इन प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आश्रय उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में डायलेसिस की सुविधा एक सप्ताह में आरंभ की जाकर मरीजों को राहत प्रदान करनी चाहिए। समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों को नगदी रहित भुगतान काम में लेना आवश्यक है। विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों के पास आने वाले राहत संतुष्टि प्रकरणों को सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज करना चाहिए। इससे आमजन को प्रदान की गई राहत का दस्तावेजीकरण हो जाता है। जिला स्तरीय अधिकारियों को जिला स्तरीय रात्रि चौपाल में भाग लेना चाहिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर किशोर कुमार, अबु सूफियान चौहान, अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त जयप्रकाश नारायण, नगरीय निकायों के उप निदेशक राजवीर सिंह, जिला भामाशाह अधिकारी पुष्पा सिंह मेहरा एवं समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
जायरीन के लिए बनेंगे स्नानघर
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि उर्स के दौरान जायरीन को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए नगर निगम के माध्यम से अस्थायी स्नानघर बनाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि जायरीन को स्नान की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सुभाष उद्यान के सामने स्थित पुराने बस स्टैण्ड परिसर में अस्थायी स्नानघर बनाए जाएंगे। यह कार्य नगर निगम के माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बेघर व्यक्तियों को आश्रय प्रदान करने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाना आवश्यक है। नगरीय निकायों की एक लाख की आबादी पर 100 व्यक्तियों की क्षमता वाले आश्रय स्थल का निर्माण किया जाए। अजमेर शहर में वर्तमान में 4 आश्रय स्थल विद्यमान है। नगर निगम द्वारा 4 अतिरिक्त आश्रय स्थलों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
इसी प्रकार जिले की नगर पालिकाओं एवं नगर परिषद द्वारा भी आबादी की आवश्यकता के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक के पास भेजे जाएंगे। इन प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आश्रय उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में डायलेसिस की सुविधा एक सप्ताह में आरंभ की जाकर मरीजों को राहत प्रदान करनी चाहिए। समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों को नगदी रहित भुगतान काम में लेना आवश्यक है। विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों के पास आने वाले राहत संतुष्टि प्रकरणों को सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज करना चाहिए। इससे आमजन को प्रदान की गई राहत का दस्तावेजीकरण हो जाता है। जिला स्तरीय अधिकारियों को जिला स्तरीय रात्रि चौपाल में भाग लेना चाहिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर किशोर कुमार, अबु सूफियान चौहान, अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त जयप्रकाश नारायण, नगरीय निकायों के उप निदेशक राजवीर सिंह, जिला भामाशाह अधिकारी पुष्पा सिंह मेहरा एवं समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
जायरीन के लिए बनेंगे स्नानघर
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि उर्स के दौरान जायरीन को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए नगर निगम के माध्यम से अस्थायी स्नानघर बनाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि जायरीन को स्नान की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सुभाष उद्यान के सामने स्थित पुराने बस स्टैण्ड परिसर में अस्थायी स्नानघर बनाए जाएंगे। यह कार्य नगर निगम के माध्यम से किया जाएगा।