जानिए, आखिर क्या है '2 मिनट की मैगी' का इतिहास
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देशभर में काफी समय से जल्द तैयार होने वाले खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल की जा रही और आधुनिक जीवनशैली की प्रतीक बनी मैगी नूडल्स आज अपनी गुणवत्ता को लेकर देशभर में विवादों के बीच है, क्योंकि मैगी की जांच में मिले एमएसजी और लेड को शरीर के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। इस बीच आइए नजर डालते हैं आखिर भारत में कब और कैसे अस्तित्व में आई '2 मिनिट की मैगी'।
असल में मैगी को ग्राहकों के बीच में 1872 में जूलियस मैगी के द्वारा लाया गया था और स्विट्जरलैंड में मैगी की स्थापना की गई थी। दरअसल, स्विट्जरलैंड में कामकाजी महिलायें किचन में समय नहीं दे पाती थीं व् बाल बच्चों को समय पर खाना नहीं मिल पाता था। इस परेशानी से निजाद पाने के लिए एक सामाजिक संस्था ने 1872 में जूलियस मैगी से संपर्क किया। उन्होंने जूलियस से ऐसा खाद्य पदार्थ बनाने का कहा जो कम समय में बन सके और स्वस्थ वर्धक भी हो। इसे ध्यान में रखकर जूलियस पहले प्रोटीनयुक्त आहार को बाजार में लाए और फिर आगे इसी कंपनी ने सूप और नूडल्स जैसे खाद्य पदार्थों की शुरुआत की।
इससे पहले जूलियस ने 1863 में अपने उत्पादों को और स्वादिष्ट बनाया। उस वक्त यह ब्रांड मैगी नूडल्स, मैगी क्यूब और मैगी सॉस के लिए प्रचलित था। स्विट्जरलैंड में इसे लोगों ने खूब पसंद किया और जल्द ही अपना लिया गया। 1897 में जूलियस मैगी ने सिंजेन के जर्मन टाउन में अपनी कंपनी 'मैगी जीएमबीएच' की स्थापना की, जो वहां आज भी मौजूद है।
1947 में मैगी को स्विस मल्टीनेशनल खाद्य एवं पेय उत्पाद कंपनी नेस्ले ने इसके मालिकाना अधिकारों में कुछ बदलाव करते हुए इसको खरीदा था और आखिरकार मैगी का नेस्ले ने अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद नेस्ले ने अपने उत्पादों की खपत का विस्तार करते कई देशों में मैगी को निर्यात करना शुरू किया और इसी कड़ी में 1980 के दशक में भारत में मैगी का प्रवेश हुआ और इसके जल्द ही पककर खाने योग्य बनने के गुण और टेस्ट के चलते ही भारत में इसे बहुत पसंद किया जाने लगा।
असल में मैगी को ग्राहकों के बीच में 1872 में जूलियस मैगी के द्वारा लाया गया था और स्विट्जरलैंड में मैगी की स्थापना की गई थी। दरअसल, स्विट्जरलैंड में कामकाजी महिलायें किचन में समय नहीं दे पाती थीं व् बाल बच्चों को समय पर खाना नहीं मिल पाता था। इस परेशानी से निजाद पाने के लिए एक सामाजिक संस्था ने 1872 में जूलियस मैगी से संपर्क किया। उन्होंने जूलियस से ऐसा खाद्य पदार्थ बनाने का कहा जो कम समय में बन सके और स्वस्थ वर्धक भी हो। इसे ध्यान में रखकर जूलियस पहले प्रोटीनयुक्त आहार को बाजार में लाए और फिर आगे इसी कंपनी ने सूप और नूडल्स जैसे खाद्य पदार्थों की शुरुआत की।
इससे पहले जूलियस ने 1863 में अपने उत्पादों को और स्वादिष्ट बनाया। उस वक्त यह ब्रांड मैगी नूडल्स, मैगी क्यूब और मैगी सॉस के लिए प्रचलित था। स्विट्जरलैंड में इसे लोगों ने खूब पसंद किया और जल्द ही अपना लिया गया। 1897 में जूलियस मैगी ने सिंजेन के जर्मन टाउन में अपनी कंपनी 'मैगी जीएमबीएच' की स्थापना की, जो वहां आज भी मौजूद है।
1947 में मैगी को स्विस मल्टीनेशनल खाद्य एवं पेय उत्पाद कंपनी नेस्ले ने इसके मालिकाना अधिकारों में कुछ बदलाव करते हुए इसको खरीदा था और आखिरकार मैगी का नेस्ले ने अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद नेस्ले ने अपने उत्पादों की खपत का विस्तार करते कई देशों में मैगी को निर्यात करना शुरू किया और इसी कड़ी में 1980 के दशक में भारत में मैगी का प्रवेश हुआ और इसके जल्द ही पककर खाने योग्य बनने के गुण और टेस्ट के चलते ही भारत में इसे बहुत पसंद किया जाने लगा।