मैगी के ब्रांड एम्बैसडर्स ने किया फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड कानून की धारा 24 का उल्लंघन

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नई दिल्ली। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री राम विलास पासवान और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा को पत्र भेजकर सवाल किया कि, "जब मैगी के मुद्दे पर निर्माता कम्पनी के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी कार्रवाई कर रही है, तो मैगी के ब्रांड एम्बैसडर्स और जिन अधिकारियों ने मैगी उत्पाद को स्वीकृति दी, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।"

पत्र में इनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गई। कैट ने कहा कि देशभर में मैगी बेचने वाले लाखों व्यापारियों को मैगी मुद्दे के कारण से नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि इस विवाद के कारण से उपभोक्ताओं और व्यापारियों का विश्वास डगमगा गया है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खण्डेलवाल ने दोनों मंत्रियों को भेजे पत्र में कहा है कि मैगी के ब्रांड एम्बसेडरों ने फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट, 2006 की धारा 24 का उल्लंघन किया है लिहाजा वो भी कार्रवाई से बच नहीं सकते। उक्त कानून की धारा 24 के अनुसार ऐसे खाद्य उत्पादों के विज्ञापन पर पाबन्दी है, जो भ्रमित करते हैं या उक्त कानून की धाराओं अथवा नियमों का उल्लंघन करते हैं।

कैट ने अपने पत्र में कहा है की मैगी के पैकेट पर "ग्रेन शक्ति" लिखा हुआ है, जबकि यह नहीं बताया गया कि कौन सा ग्रेन है और कितनी शक्ति मिलती है। पैकेट पर लिखा हुआ है "3 रोटियों जितना फाइबर" जबकि यह नहीं बताया गया है कि कौन सा ग्रेन एवं रोटी का साइज एवं मोटाई। पैकेट पर लिखा हुआ है "टेस्ट भी हेल्थ भी" जबकि ये नहीं बताया गया कि शरीर का कौन सा अंग स्वस्थ होगा।

पैकेट पर यह भी दावा किया गया है की "गुड फ़ूड गुड लाइफ" जबकि निर्माता कम्पनी को पहले से पता है कि उनके उत्पाद में लैड की मात्रा स्वीकृत मात्रा से अधिक है और बड़ी मात्रा में एमएसजी का इस्तेमाल होता है जो शरीर के लिए हानिकारक है।

कैट ने कहा है कि ब्रांड एम्बैसेडर्स ने भलीभांति उपरोक्त तथ्यों को जानते हुए भी अपने विज्ञापनों से मैगी की बिक्री को बढ़ाने के उद्देश्य से इस बात का भ्रामक प्रचार किया कि मैगी सेहत के लिए अच्छी है तथा ब्रांड एम्बैसेडर्स ने जमकर प्रचार में अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी ली है, यह धारा 24 का सीधा उल्लंघन है।

कैट ने अपने पत्र में में नेस्ले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पॉल बुलक द्वारा 5 जून को दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दिए उस बयान की ओर दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा की भारत में भी कम्पनी उन्ही क्वालिटी स्टैंडर्ड्स को अपनाती है, जो विश्वभर कम्पनी द्वारा अपनाये जा रहे हैं। कैट ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह गलत बयान है, क्योंकि मैगी के पैकेट पर कम्पनी साफ़ तौर पर लिखती है, "केवल भारत, नेपाल एवं भूटान में बिक्री के लिए" जो कि एक विरोधाभासी बात है।

कैट ने दोनों मंत्रियों से मांग की है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए मैगी निर्माता के साथ साथ ब्रांड एम्बैसेडर्स के खिलाफ भी तुरंत कार्यवाई की जाए।

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