पंचायत की अनदेखी , आबादी क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण

बिजौलिया (जगदीश सोनी) ग्राम पंचायत की अनदेखी कहे या मिलीभगत कि कस्बे के आबादी क्षेत्र में अवैध कब्जे करने के साथ ही अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। कस्बावासियों द्वारा कई मामलों में ग्राम पंचायत सचिव  को जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किया जाना पंचायत की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।

कस्बे के केसरगंज में हीरो  होण्डा शोरूम के सामने मुख्य सड़क पर कथित वैध पट़टे की आड़ में अवैध कब्जा कर आघा दर्जन दुकानों का निर्माण कर दिया गया। जानकारी के अनुसार एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा केसरगंज में मुख्य सड़क पर 60 गुना 40 फ़ीट के पट्टे की आड़ में इससे लगती बेशकीमती लाखों की जमीन पर ग्राम पंचायत से बिना निर्माण स्वीकृति लिए ही दुकाने बना दी गई। ग्राम पंचायत द्वारा इस निर्माण पर रोक लगाना तो दूर उलटे बिना कोरम में प्रस्ताव लिए ही उक्त अवैध कब्जे की भूमि को प्रभावशाली को विक्रय कर 50,000 रू. भी जमा कर लिए गए। जबकि पंचायत राज अधिनियम के तहत भूमि विक्रय की कार्यवाही कोरम में अनुमोदन के पश्चात ही की जा सकती है।

 अवैध निर्माण होने के बावजूद सचिव द्वारा आनन-फानन में विद्युत फ़ाइल पर हस्ताक्षर करने की भी जानकारी सामने आई हेै। सचिव व प्रभावशाली व्यक्ति के बीच सौदा तय करवाने व कथित तौर से दलाली लेने के उक्त प्रकरण में एक वार्ड पंच का नाम भी सुख्र्रियो में है।

विदित है कि पूर्व पंचायत द्वारा लाखों के भूखण्डों को फ र्जीवाड़े से कौडिय़ों में आवंटित करने के मामले में भीलवाड़ा एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई में दो पूर्व सचिव व विकास अधिकारी के निलम्बित होने के बावजूद वर्तमान सचिव द्वारा बेखौफ  हो कर ऐसे कामो को अंजाम दिया जाना आश्चर्यजनक है।

इनका कहना है

"ग्राम पचायत द्वारा दुकानों की निर्माण स्वीकृति जारी नहीं की गई है। पट्टे के अलावा जितनी भूमि पर निर्माण किया गया है उसकी डिफ रेंस राशि 50,000 रू. जमा की गई है। बकाया राशि ओर लेना है।"
- भंवर सिंह भाटी, सचिव ग्राम पंचायत बिजौलिया।

"बिना कोरम में अनुमोदन के सचिव व्यक्तिगत तौर पर भूमि विक्रय की राशि जमा नहीं कर सकता है। शिकायत मिलने पर पंचायतराज अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।"
- नारायण सिंह राठौड़,विकास अधिकारी, पंचायत समिति बिजौलिया।


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