जनलोकपाल बिल के लिए अन्ना का अनशन शुरू
रालेगण सिद्धी। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम छेड़ने वाले प्रमुख समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र पर जनलोकपाल बिल पर अपने वादे से पीछे हटने का आर...
हजारे ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जो बुरी गत हुई, उसके पीछे जनलोकपाल बिल पारित कराने में उसकी नाकामी ही है। उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह संसद में सांप्रदायिक हिंसा बिल पारित कराने का वादा कर सकते हैं तो वह भ्रष्टाचार विरोधी जन लोकपाल बिल पारित कराने में देर कैसे कर सकते हैं।
जनलोकपाल बिल के समर्थन में इससे पहले दिल्ली में की गई अपनी भूख हड़ताल को याद करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि उस समय सोनिया गांधी ने उन्हें चिट्ठी लिख कर इसे खत्म करने के लिए कहा था। उन्होंने जनलोकपाल बिल पारित कराने का वादा किया था।
अन्ना ने कहा, 'मैंने उनकी बातों पर भरोसा किया और अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। मुझे नहीं पता था कि यूपीए सरकार जनता और मुझे इस कदर धोखा देगी। सरकार ने इस बिल को पारित कराने का लिखित वादा किया था लेकिन दो साल हो गए उसने इसे नहीं निभाया।'
उन्होंने कहा कि जनता के दबाव में बिल लोकसभा में पारित हो गया और इसके बाद स्थायी समिति और फिर राज्य सभा में भेज दिया गया और फिर यह सेलेक्ट कमेटी को सुपुर्द कर दिया गया। यह बिल हर जगह से पारित होने के बाद राज्य सभा में आया और वहीं अटक गया।
राज्यसभा में कांग्रेस के 11 सांसद हैं लेकिन बिल को यहां लटका कर रखा गया है। हजारे ने कहा उन्हें कई बार आश्वासन दिया गया कि बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। पहले कहा गया कि बिल बजट सत्र में पेश होगा। बाद में कहा गया कि मानसून सत्र में आएगा। अब कहा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में आएगा। मानसून सत्र बीत गया लेकिन बिल पेश नहीं हुआ। इसलिए मजबूरन मुझे अनिश्चितकालीन अनशन करने का निर्णय लेना पड़ा है।