चैक करें, नए चैक में क्या है नया
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 1 जनवरी 2014 से बैंकों से नई चेक बुक की व्यवस्था लागू करने को कहा है। ऐसे में कस्टमरों को नए चेक के...
हालांकि आरबीआई नए साल के पहले दिन से नए चेक की व्यवस्था लागू करना चाहता है, लेकिन बैंकों के बड़े अधिकारियों का कहना है कि जिन बैंकिंग शाखाओं में बेहद आधुनिक टेक्नॉलजी है, वहां नए चेक बुक जारी करने और उसे लागू करने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन जिन शाखाओं में ऐसा नहीं है, वहां पर इसे लागू करने में कुछ वक्त लग सकता है। इसके लिए आरबीआई ने उनको छूट दी है।
नए चेक में क्या है नया ?
- > सभी चेकों में वॉटर मार्क यानी बैंकों का चिह्न होगा। इस पर सीटीएस इंडिया लिखा होगा, जिसको हल्की रोशनी में देखा जा सकेगा।
- > बैंकों को चेक पर अल्ट्रावॉयलेट (यूवी) इंक से अपना लोगो छापना होगा। इसे सिर्फ यूवी स्कैनर और लैंप से ही देखा जा सकेगा।
- > चेक का बैकग्राउंड क्लियर होगा और इस भाग पर किसी तरह की प्रिंटिग नहीं होगी। इससे चेक की क्वॉलिटी बेहतर होगी।
- > हर चेक के निचले हिस्से में सभी शाखाओं पर सममूल्य पर देय (Payable at par at all branches) लिखा होगा।
- > हर चेक पर हस्ताक्षर करने की जगह पर लिखा होगा कि कृपया इससे ऊपर हस्ताक्षर करें।
- > चेक पर किसी तरह की ओवर राइटिंग की इजाजत नहीं होगी। अगर बैंक चाहे तो तारीख बदलने की इजाजत दे सकता है। मगर नाम और दूसरे ब्यौरे में किसी तरह के करेक्शन की इजाजत नहीं होगी। ऐसा होने पर चेक स्वीकार नहीं किया जाएगा।
काम होगा तेज , फ्रॉड पर लगेगी लगाम
बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट के. के. मदान के अनुसार चेकों में वॉटर मार्क होने से इसकी फोटोकॉपी बनाना मुश्किल होगा। साथ ही आईएफएससी और एमआईसीआर छपा होने से इसकी इलेक्ट्रॉनिक क्लियरेंस में और तेजी आएगी। आरबीआई चाहता है कि आउट स्टेशन चेकों का भी स्पीडी क्लियरिंग हो। सबसे अहम बात , जब चेकों में वॉटर मार्क और बैंकों का लोगो नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में इमेज आधारित चेकों की जांच क्लियरिंग प्रोसेसिंस का हिस्सा बन जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम चेकों में छिपी हुई इमेज को पकड़ने में सक्षम होगा। जब नकली चेकों में छिपी इमेज नहीं होंगी तो नकली चेक आसानी से पकड़ में आएंगे।
अब क्या करें कस्टमर
एडवांस चेक का क्या करें
कस्टमर्स को फायदा
- > चेकों की क्लियरेंस जल्दी होगी। मल्टी सिटी और सभी बैंकों की शाखाओं में सममूल्य (At Par) में उसके चेक को क्लियरेंस मिलेगी।
- > फंड ट्रांसफर करने में उसे किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। सिर्फ उसे चेक भरना होगा , क्योंकि चेक पर ही आईएफएससी और एमआईसीआर नंबर छपा होगा।
- > किसी भी शहर में , बैंक की किसी भी शाखा पर चेक जमा हो सकेंगे और उनकी क्लियरिंग हो सकेगी। जाहिर है, बैंकों के साथ आम लोगों का भी काम आसान हो जाएगा।