स्विस बैंक बताएगा अपने खातेदारो के नाम
जिनेवा। बढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण स्विटजरलैंड ने अपने बैंकों में जमा धन के बारे में जानकारी देने का निर्णय कर लिया है, जिससे ...
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जिनेवा। बढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण स्विटजरलैंड ने अपने बैंकों में जमा धन के बारे में जानकारी देने का निर्णय कर लिया है, जिससे विभिन्न देशों को टैक्स चोरी के मामलों की जानकारी मिल पाना संभव हो सकेगा। गौरतलब है कि लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि स्विटजरलैंड के बैंकों में जमा धन के बारे में गोपनीयता को समाप्त किया जाए।
स्विटजरलैंड ने ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कॉर्पोरेशन ऐंड डिवेलपमेंड की पहल पर 58 देशों के साथ यह समझौता कर लिया है, जिसमें भारत भी शामिल है। बताया जाता है कि भारत के कई लोगो का लाखो करोड़ रुपए का काला धन इन बैंकों में जमा है। स्वंय स्विस बैंक के अनुसार भारतीयों का करीब 9000 करोड़ रुपये जमा है।
गौरतलब है कि स्विस बैंकों में गोपनीयता द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले से बरकरार है, जिसका फायदा उठाते हुए नाजी-नेताओं ने इसमें अपना काला धन जमा कर रखा था। नाजियों के अलावा भी कई देशों के तानाशाहों और नेताओं तथा उद्योगपतियों ने इम बैंकों में अपना काला धन जमा कर रखा है।
स्विस बैंक इससे पहले कभी भी तब तक अपने खातेदारो का नाम नही बताते थे जब तक कि उनके खिलाफ स्विस कानूनों के तहत अपराध दर्ज न हो। स्विस बैंकों के कर्मचारी तथा अधिकारी भी इसका कड़ाई से पालन करते रहें हैं।
भारत में यदि स्विस बैंक में खाता खुलवाना हो तो एचएसबीसी बैंक से संपर्क करना होता है। उसके बाद की संपूर्ण प्रक्रिया भारतीय बैंकों से भी आसान है। बैंक का कर्मचारी घर में आकर अकाउंट खोल देता है तथा पैसे भी घर बैठे ही जमा कराया जा सकता है। किसी को भुगतान करने के लिये केवल एक फोन करना ही काफी होता है।
इस कारण स्विस बैंक काला धन जमा करने वालो का स्वर्ग कहलाता है। अब चूंकि स्विस बैंक खातेदारों का नाम बताने के संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं तो, देखना यह है कि भारतीयों का कितना काला धन उजागार होता है।
स्विटजरलैंड ने ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कॉर्पोरेशन ऐंड डिवेलपमेंड की पहल पर 58 देशों के साथ यह समझौता कर लिया है, जिसमें भारत भी शामिल है। बताया जाता है कि भारत के कई लोगो का लाखो करोड़ रुपए का काला धन इन बैंकों में जमा है। स्वंय स्विस बैंक के अनुसार भारतीयों का करीब 9000 करोड़ रुपये जमा है।
गौरतलब है कि स्विस बैंकों में गोपनीयता द्वितीय विश्वयुद्ध के पहले से बरकरार है, जिसका फायदा उठाते हुए नाजी-नेताओं ने इसमें अपना काला धन जमा कर रखा था। नाजियों के अलावा भी कई देशों के तानाशाहों और नेताओं तथा उद्योगपतियों ने इम बैंकों में अपना काला धन जमा कर रखा है।
स्विस बैंक इससे पहले कभी भी तब तक अपने खातेदारो का नाम नही बताते थे जब तक कि उनके खिलाफ स्विस कानूनों के तहत अपराध दर्ज न हो। स्विस बैंकों के कर्मचारी तथा अधिकारी भी इसका कड़ाई से पालन करते रहें हैं।
भारत में यदि स्विस बैंक में खाता खुलवाना हो तो एचएसबीसी बैंक से संपर्क करना होता है। उसके बाद की संपूर्ण प्रक्रिया भारतीय बैंकों से भी आसान है। बैंक का कर्मचारी घर में आकर अकाउंट खोल देता है तथा पैसे भी घर बैठे ही जमा कराया जा सकता है। किसी को भुगतान करने के लिये केवल एक फोन करना ही काफी होता है।
इस कारण स्विस बैंक काला धन जमा करने वालो का स्वर्ग कहलाता है। अब चूंकि स्विस बैंक खातेदारों का नाम बताने के संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं तो, देखना यह है कि भारतीयों का कितना काला धन उजागार होता है।