देने वाला जब देता है तो, कभी यूँ भी फट जाता है छप्पर

न्यूयॉर्क। एक कहावत तो आपने जरुर सुनी होगी, 'देने वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है।' यही कहावत शायद आपने सच होते हुए बमुश...

न्यूयॉर्क। एक कहावत तो आपने जरुर सुनी होगी, 'देने वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है।' यही कहावत शायद आपने सच होते हुए बमुश्किल ही देखी होगी। लेकिन ये कभी-कभार ऐसे समय में भी सच हो जाती है, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं हो। जी हाँ, कभी-कभी ऐसे भी लोग मिल जाते हैं जो जिंदगी की दिशा को बदल देते हैं।

ऐसा ही एक वाकिया पेश आया एक रेस्टोरेंट में काम करने वाली महिला के साथ। एक दिन जब वह रेस्टोरेंट में रोजाना की तरह अपने काम में व्यस्त थी, तभी वहां एक व्यक्ति आया। वह आदमी महिला के काम और व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित हुआ।

चलते वक्त उसने काम की सराहना करने के साथ खुश होकर लॉटरी का एक टिकट बतौर टिप में उसे दे दिया। इसके बाद इस तरह से टिप में एक कागज का टुकड़ा पकड़ा सेने से उस वक्त महिला निराशा हुई लेकिन अनमने भाव से टिकट ले लिया और अपने पास रख लिया।

कुछ दिनों बाद तय वक्त पर जब लॉटरी का नतीजा निकला तो वह उस वक्त उस महिला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह ख़ुशी से झूम उठी, क्योंकि टिप में दिया हुआ वह कागज का टुकड़ा अब सिर्फ कागज ही नहीं रहा था, बल्कि करीब दस लाख रूपए की शक्ल अख्तियार कर चूका था।

जब उस महिला को इस बात का पता चला कि टिप में दिए हुए लॉटरी के टिकट का इनाम जो करीब दस लाख रुपये (17,500 डॉलर) था, उसने जीत लिया है, तो उसके लिए तो मनो जैसे कोई छप्पर ही फट गया हो। ईनाम में मिले इस रकम को पाकर वह बहुत खुश है और अब उस आदमी से मिलकर उसका शुक्रिया करना चाहती है।

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