अमेरिका में 17 साल बाद एक बार फिर शटडाउन
बजट पर गतिरोध लंबा खिंचने से 17 साल बाद एक बार फिर से अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा है। संसद में सरकारी खर्च का बजट पास नहीं होने के कारण सरकारी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ आपात सेवाए ही जारी रहेंगी। शटडाउन के तहत कई विभाग बंद करने पड़ते हैं। करीब 7 लाख कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेज दिया गया है।
इससे पहले 1995 में अमेरिकी प्रशासन को शटडाउन का सामना करना पड़ा था, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि शटडाउन का अमेरिकी अर्थव्यस्था पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।
अमेरिका की सत्ताधारी पार्टी डेमोक्रेट्स और विपक्षी दल रिपब्लिकन संघीय बजट पर सहमति नहीं बनी, जिसके बाद ये फैसला लेना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी चालू वित्त वर्ष के बचे हुए छह महीनों के लिए वित्तीय प्रबंधन पर कोई फैसला नहीं ले पाए। 17 साल बाद वित्त की कमी के कारण अमेरिकी सरकार को फिर शटडाउन करना पड़ा है।
संघीय एजेंसियों और कार्यक्रमों के लिए पैसे की कमी होने पर एंटीडेफिशिएंसी एक्ट के मुताबिक संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। प्रशासन बजट न होने के कारण कर्मचारियों की छुट्टी कर देता है। इस दौरान उन्हें वेतन भी नहीं दिया जाता है। दरअसल, अमेरिका में ओबामा प्रशासन को संघीय बजट के लिए विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी से जूझना पड़ रहा है। इस शटडाउन का असर कई जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने के साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।
अमरीकी संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट ने बजट बिल को नकारते हुए इसे निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा को वापिस भेजा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा का हेल्थकेयर क़ानून जिसे ओबामाकेयर कहा गया है, इस राजनीतिक अड़चन की मुख्य वजह है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग करते हुए कहा कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसा ना दिए जाएं तभी वो सरकारी ख़र्च के लिए बिल पारित करेंगे।