चांद से बरसा अमृत, मंदिरों में आधी रात को बंटी खीर
जयपुर। शरद पूर्णिमा पर शुक्रवार को चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ दिखाई दिया। इस अवसर मंदिरों में ठाकुर जी की प्रतिमा का सफेद वस्त्र, ...
मंदिरों में भगवान को भोग लगाने के साथ खीर को चांद की अमृत के लिए बाहर रखा गया, जिसका देर रात लोगों में प्रसादी वितरण किया गया। इस अवसर पर मंदिरों में सत्संग और हरिनाम कीर्तन का दौर चला। गोविंद देव जी के मंदिर में भगवान की भव्य झांकी सजाई गई।
सुबह से ही ठाकुर जी के मंदिरों में उल्लास देखने को मिला। महारास के पदों के संगीतमय गायन से ठाकुरजी को रिझाया गया। जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में सुबह की झांकी में ठाकुरजी धवल पोशाल में नजर आए। रात्रि को यहां पर भगवान का भव्य श्रंगार के साथ शरदोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर भक्तों का विशेष कारवा उमड़ा।
पानो का दरीबा स्थित सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में शाम से रात तक महारास झांकी सजाई गई। ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार बंशी धारण किए हुए थे। इस अवसर पर भागवत लिखित वेणुवादन के पदों का गायन हुआ। धवल पोशाल, धवल रोशनी में सुंदर झांकी सजाई गई।
बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में महंत पुरुषोत्तम भारती के सान्निध्य में सुबह की झांकी में भी ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण करवाई गई। ठाकुरजी का श्रृंगार भी सफेद पुष्पों से किया गया। शरद पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं को खीर की प्रसादी वितरित की गई।
रामगंज बाजार स्थित ललित सम्प्रदाय की प्रधानपीठ लाड़ली जी मंदिर में महंत डॉ. संजय गोस्वामी के सान्निध्य में शरद पूर्णिमा महोत्सव के अन्तर्गत ठाकुरजी को श्वेत पोशाक, कट काछनी, मोर मुकुट, बंशी धारण करवाई गई। गंगापोल दरवाजे के बाहर, बासबदनपुरा स्थित मुरली मनोहर जी मंदिर मे रात्रि 11 बजे तक शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। सूरजपोल स्थित सिद्धी विनायक मंदिर में शरद पूर्णिमा पर गणेश जी का मेवे से श्रृंगार किया गया।
इसी तरह से चौड़ा रास्ता के मदन गोपालजी, राधादामोदर जी, चांदनी चौक के आनंद कृष्ण बिहारी, पुरानी बस्ती के राधागोपीनाथ जी, चांदपोल के लाल बिहारी जी सहित, छोटी चौपड़ के सीताराम मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में शरद पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई।