7 वर्ष बाद बन रहा है पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग
पुष्य नक्षत्र पर खरीददारी की इस बार दो दिन रहेगी धूम बालोतरा। सात साल बन रहे पुष्य नक्षत्र को लेकर औद्योगिक नगरी के बाजारों में रौनक...
पुष्य नक्षत्र पर खरीददारी की इस बार दो दिन रहेगी धूम
बालोतरा। सात साल बन रहे पुष्य नक्षत्र को लेकर औद्योगिक नगरी के बाजारों में रौनक लौटने लगी है। इस बार पुष्य नक्षत्र की धूम 26 व 27 अक्टूबर को दो दिनों तक रहेगी और यह संयोग करीब 7 वर्ष बाद बन रहा है। शहरवासी दो दिन तक खरीददारी इस योग में कर लाभ उठा सकते है। इस दोनों दिनों में शनि व रविवार का शुभ संयोग भी बन रहा है जो खरीददारी के लिए लाभदायक व शुभ है। इस तरह का संयोग अब करीब तीन साल बाद बनेगा। इस संयोग को देखते हुए बाजारों में रौनक लौटने लगी है और व्यापारियों ने भी इस बार बंपर खरीददारी को देखते हुए सामान का स्टॉक कर लिया है।ज्योतिषी पंडित जितेंद्र कुमार दवे ने बताया कि वैसे तो दीपावली से पहले कार्तिक मास में आने वाले पुष्य नक्षत्र का योग एक हीं दिन बनता है लेकिन इस बार शनि-रवि पुष्य होने से दो दिन बन रहा है। ऐसा संयोग सात साल पहले 14-15 अक्टूबर 2006 को बना था। इस बार 26 व 27 अक्टूबर को दोनों दिनों में शनि व रवि पुष्य के संयोग में शुभ मूहूर्त में खरीददारी की जा सकती है।
पुष्य नक्षत्र 26 अक्टूबर (शनिवार) को शाम 4:25 बजे से प्रारंभ होकर 27 अक्टूबर (रविवार) को शाम 7:15 बजे तक रहेगा। रविवार को उदियत तिथि में पुष्य नक्षत्र का योग होने से खरीददारी के लिए रवि पुष्य विशेष शुभ रहेगा। रवि पुष्य के साथ अहोई अष्टमी और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
ज्योतिषियों के अनुसार सर्वार्थसिद्धि योग को अबूझ मूहूर्त भी कहा जाता है। उनके अनुसार इस मूहूर्त में किए गृह प्रवेश, नए कार्य, दुकानों व प्रतिष्ठानों का शुभारंभ, भूमि, वाहन व अनेक सामानों की खरीद नामकरण, बैंक से संबधित काम-काज, नवीन व्यापार, पूजा-पाठ, विवाह आदि कार्य शुभ माने जाते है। इस मूहूर्त में किए गए सभी कार्य पूरे होते हीं है साथ हीं उनके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगते है। यह योग वार और नक्षत्रों के विशेष संयोग से मिलकर बनता है।
इस बार रवि पुष्य सर्वार्थसिद्धि योग और साध्य योग आने से महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार तंत्र-मंत्र,सिद्धि या योग प्रयोग के लिए भी रवि पुष्य योग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस योग व मूहूर्त में खरीददारी करने से घर में माता लक्ष्मी का वास होगा तथा फलदायी भी होगा।
खरीददारी के शुभ मूहूर्त : आमतौर पर पुष्य नक्षत्र अपने आप में एक शुभ मूहूर्त है लेकिन ग्रहों के अनुसार कोई शुभ कार्य किया जाए तो उसका लाभ शीघ्र और लंबे समय तक रहता है। ज्योतिषी पंडित जितेंद्र कुमार दवे के मुताबिक 26 अक्टूबर को शाम 4:25 बजे से पुष्य नक्षत्र शुरू होगा जो 27 अक्टूबर को 7:15 बजे तक रहेगा।
शनिवार को ये खरीददारी रहेगी शुभ : शाम 4:50 से 7:25 बजे तक सोना,चांदी,रत्न, अमूल्य धातु, धान्य, तिजोरी, बहींखाते, संपत्ति, जमीन, वॉलेट व पर्स। रात 9 बजे से 10:40 बजे तक पूजन सामग्री व प्रतिमाएं, नए वस्त्र, बर्तन व सौंदर्य सामग्री।
रविवार को पूरे दिन खरीददारी : रविवार को सुबह 8 बजे से 9:20 बजे तक नए वाहन, गैस, मशीनरी आईटम, टीवी, म्यूजिक सिस्टम, मोबाईल, घडिय़ा। सुबह 9:20 बजे से 10:45 बजे तक सोना चांदी, रत्न, अमूल्य धातु, तिजोरी, धान्य, बहींखाते, संपत्ति, वॉलेट आदि। सुबह 10:45 बजे से दोपहर 12 बजे तक मिठाईयां, खाद्य सामग्री, औषधियां, फ्रिज आदि। दोपहर 1:35 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक पूजन सामग्री व प्रतिमाएं, नए वस्त्र, बर्तन व सौंदर्य सामग्री। शाम 4:24 बजे से राहुकाल 5:50 तक इस समय में नई वस्तुओं की बाजार से खरीददारी नहीं करें। शाम 5:52 से 7:15 बजे तक नए वाहन, गैस, मशीनरी आईटम, टीवी, म्यूजिक सिस्टम, मोबाईल, घडिय़ा आदि की खरीददारी कर सकते है।