अव्यवस्थाओं से कराह रहा विश्वविख्यात ख्वाजा नगरी अजमेर का दरगाह बाजार
इन सबके चलते दुविधा यह है कि, ख्वाजा की बारगाह में सर झुकाकर दुआएं मागने के लिए आने वाले देशी-विदेशी जायरीन और पर्यटक दरगाह बाजार में घुसने के साथ ही यहां फैली अव्यवस्थाओं के आलम को देखकर अपने नाक-मुंह सिकोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। यहां पर अक्सर रहने वाली जायरीनों और पर्यटकों की भीड़ के बीच एक ओर जहां बेतरतीब वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है।
वहीं दूसरी ओर बीच रास्ते में खड़े ठेलों, थ्री—व्हीलर, रिक्शा और गंदगी तथा आवारा जानवरों का मजमा इन अव्यवस्थाओं में और भी इजाफा करता है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों के साथ शहर के बारे में जो सन्देश जाता है, उसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं।
दरगाह बाजार में प्रवेश करने का मुख्य द्वार देहली गेट है, जिसे पार करने के साथ ही दरगाह बाजार शुरू हो जाता है। देहली गेट का आलम यह है कि यहां से महज कुछ ही क़दमों की दूरी पर पुलिस चौकी भी स्थित है और देहली गेट पुलिस चौकी के पास ही ठेले ऑटो रिक्शा भीच रोड पर अतिक्रमण कर खड़े रहते पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होती। इनकी वजह से कई बार जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब ठेले वालों को दुकानदार हटने के लिए कहते हैं तो ठेले वाले लड़ाई-झगड़े पर उतार आते हैं। पुलिस को काफी बार इसकी शिकायत भी जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती।
गौरतलब है कि यह वही रास्ता है जो सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह तक जाता है। पुष्कर मेला शुरू होने के साथ ही दरगाह में भी पर्यटकों और जायरीनों की तादाद में भी इजाफा होना शुरू हो गया है। उस पर हर माह की छठी को दरगाह में आने वाले जायरीनों की तादाद में भी इजाफा हो जाता है। ऐसे में यह भली-भांति समझा जा सकता है कि यहां आने वाले पर्यटक और जायरीन शहर के बारे के अपने साथ क्या सोच लेकर जाएंगे।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी स्थानीय प्रशासन और निगम प्रशासन को इस समस्या के बारे में कई बार चेताया जा चुका है, लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से यह समस्या दिन—ब—दिन गहराने लगी है। ऐसे में अजमेर दरगाह में आने वाले जायरीनों के साथ ही दरगाह बाजार से गुजरने वाले शहर के लोगों और स्थानीय दुकानदारों को भी कई प्रकार की समस्याओं को झेलने पर विवश होना पड़ रहा है।