मानसिक विकारों का इलाज संभव पर संगोष्टी आयोजित
अजमेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर सप्ताह पर्यन्त जनजागरूकता कार्यक्रम के ...
संगोष्ठी में मनोरोग विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता डाॅ चरणसिंह ने बताया कि पश्चिमी देशों में मानसिक बिमारियों को लेकर अधिक जागरूकता है। व्यक्ति इसके इलाज के लिए आगे होकर आते है। इसके विपरित भारत में इसे सामाजिक कलंक के रूप म देखा जाता है। इस कारण लोग इसे जाहिर नहीं करना चाहते। चिकित्सक इस भ्रान्ति और मिथक को दूर कर सकता है। क्योंकि एक मनो वैज्ञानिक या मनो चिकित्सक लोगों को परार्मश तथा आवश्यकता है होने पर दवा देकर तनाव से निजात दिलाता है।
उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति म दिमागी विकार होता है और उनकी स्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ सामान्य मानसिक समस्याएँ है जैसे स्वलीनता,मानसिक बाधा, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात सेरेब्रल पलसी, सीखने में बाधा, चिंता विकार आदि। कुछ लोग मानसिक विकार के साथ ही जन्म लेते है जबकि बहुत से लोग दुर्घटना, आघात, गंभीर बीमारी समेत कई कारणों से मानसिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते है।
डाॅ लाल थदानी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी ने आह्नान किया कि रोजमर्रा की जिंदगी और आपाधापी ने आपसी संबंधो में उपजे तनाव से कई तरह के मानसिक विकारों को जन्म दिया है । इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु रोग अधिकारी डाॅ रामलाल चौधरी और डाॅ हेमंत अरोड़ा ने भी विचार रखे ।डाॅ पुनीत जेफ़ और सीता जाट ने व्यस्वस्था संभाली ।