राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे होने वाला था पुल का नाम
गौरतलब है कि 2012 में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने अलवर में इस फ्लाईओवर के निर्माण को मंजूरी दी थी। मौजूदा वसुंधरा राजे सरकार ने प्रोजेक्ट को पूरा करवाया। 22 करोड़ रुपए की लागत से बने इस फ्लाईओवर का जल्द ही उद्घाटन होना है।
फ्लाईओवर का नाम गोडसे के नाम पर किए जाने के संबंध में उठे सवालों को देर तक प्रशासन टालता रहा। राजनीतिक नेताओं और शीर्ष अधिकारियों से बातचीत के बाद जिलाधिकारी महावीर स्वामी ने एक टीम को भेजकर पुल से विवादित प्लेट को हटवाया।
जिलाधिकारी ने कहा, 'सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए यह काम किसी असामाजिक तत्व ने किया है।' हालांकि जिलाधिकारी यह बात समझाने में नाकाम रहे कि आखिर साइट पर बिना अधिकारियों और कर्मचारियों की नजर पड़े कैसे सीमेंट में गोडसे के नाम वाली प्लेट लगा दी गई।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र सिंह का कहना है कि बीजेपी नेता और सरकारी अधिकारियों ने मिलकर गोडसे के नाम वाली प्लेट लगवाई और इस पुल को गोडसे को समर्पित किया जा रहा था।
जितेंद्र सिंह ने कहा, 'मेरे पास इस बात की जानकारी है कि यह प्लेट किस अधिकारी ने लगाई और अब ये लोग झूठा का दिखावा कर रहे हैं।' अलवर के मौजूदा सांसद महंत चांदनाथ बीजेपी से ही हैं और क्षेत्र के विधायक बनवारी लाल सिंघल भी बीजेपी के ही हैं। हालांकि स्थानीय सांसद से इस मामले पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।