फर्जी रजिस्ट्री करवाकर बेची लाखों की जमीन
बिजौलिया (जगदीश सोनी)। बिजौलिया थाने में रविवार को लाखों रुपए की कीमती जमीन की फर्जी मालकिन बन षडयंत्रपूर्वक फर्जी रजिस्ट्री करवाकर जमीन ...
जानकारी के अनुसार बिजौलिया तहसील के ग्राम केरखेड़ा निवासी गोकल पिता नाना लाल भील ने इस्तगासे के जरीए बिजौलिया थाने मे सोहनी पिता कजोड़ भील, मूलचंद पिता मोहन लाल शर्मा, राजू पिता लाडू मीणा, रमेश चन्द्र जैन आरोली, गोपाल पिता नन्दा भील व तत्कालीन सरपंच मकरेड़ी के खिलाफ मामला दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकी दादी स्व. नन्दु पत्नी भुवाना भील के नाम मौजा केरखेड़ा पटवार हलका रेसून्दा तहसील बिजौलिया में 19 बीघा 5 बीस्वा पुश्तैनी जमीन चली आर रही थी, जिस पर आज भी वह काबिज होकर खेती करता आ रहा है।
उसकी दूर की रिश्तेदार सोहनी पिता कजोड़ भील निवासी सलावटिया ने खरीददार व गवाहों के साथ मिलकर जमीन हड़पने की नीयत से फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर, नन्दु पत्नी भुवाना बन कर फर्जी विक्रय विलेख उप- पंजीयक कार्यालय बिजौलिया में 20 जून 2008 को पेश कर रजिस्ट्री करवा ली, जबकि उसकी दादी नन्दु का देहान्त दि. 24 मई 1981 में ही हो गया था।
उक्त फर्जी व कूट रचित रजिस्ट्री के आधार पर सोहनी देवी ने मकरेड़ी सरपंच व अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र करते हुए सोहनी की नन्दु के रूप में झूठी पहचान कर गोपाल पिता नन्दा भील के नाम गलत इंतकाल भी खुलवा लिया। उक्त आपराधिक षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार रमेश जैन को बताया गया जो कि पेशे से दलाल है और इस पर पूर्व में भी बिजौलिया थाने में फजीर्वाड़े का मामला दर्ज है।
करीब 1 करोड़ की कीमत वाली व अपने गर्भ में सेण्ड स्टोन का भण्डार लिए खनिज उपयोगी उक्त जमीन के फजीर्वाड़े में तत्कालीन तहसीलदार व प्रलेख लेखक की भूमिका भी साफ दिखाई देती है। रजिस्ट्री के दस्तावेज में गवाहों के फोटो नदारद है, सिर्फ नाम लिखे गए हैं, जबकि गवाहों के फोटो व पहचान सत्यापित करने वाला कोई भी एक दस्तावेज जरूरी होता है।
इसके बावजूद भी तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पंजीयन करना सरासर फजीर्वाड़ा नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर, मामला दर्ज होने के साथ ही उक्त जमीन के मामले से जुड़े सफेदपोश, खरीददारों व भ-माफियाओं में हड़कम्प मचा हुआ है।