घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रा की शुरुआत आज से
विशेष श्रृंगार व रंग बिरंगी रोशनी के साथ ही मंदिरों में रंग-रोगन भी किया गया। इधर, नवरात्र की शुरुआत से ही बाजार में खरीदारी शुरू होने के चलते व्यापारियों ने भी इस बार जोरदार बिक्री की उम्मीद के साथ तैयारी कर ली है।
पुराणों में नवरात्र : मान्यता है कि नवरात्र में महाशक्ति की पूजा कर श्रीराम ने अपनी खोई हुई शक्ति पाई, इसलिए इस समय आदिशक्ति की आराधना पर विशेष बल दिया गया है। पुराण के अनुसार, दुर्गा सप्तशती में स्वयं भगवती ने इस समय शक्ति-पूजा को महा पूजा बताया है। कलश स्थापना, देवी दुर्गा की स्तुति, सुमधुर घंटियों की आवाज, धूप-बत्तियों की सुगंध रूपी यह नौ दिनों तक चलने वाले साधना पर्व नवरात्र का चित्रण है।
नवरात्रा के नौ दिन : शारदीय नवरात्र में इस बार कोई घटत बढ़त नहीं है। इसकी शुरुआत पांच अक्टूबर से होगी। पूर्णाहुति 13 अक्टूबर को होगी। पंडित जितेंद्र दवे के अनुसार 13 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक नवमी रहेगी, उसके बाद दशमी लग जाएगी। दूसरे दिन 14 अक्टूबर को सुबह 11.15 बजे तक ही दशमी रहेगी, उसके बाद एकादशी लग जाएगी।