निःस्वार्थ सेवा भावना के कारण योजनाएं बनी दिव्यांग फ्रेंडली : भदेल
अजमेर । केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निःस्वार्थ भावना से सेवा करने की मंशा के कारण व्यक्तिगत लाभ की योजनाएं दिव्यांग फ्रेंडली बनी...
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अजमेर । केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निःस्वार्थ भावना से सेवा करने की मंशा के कारण व्यक्तिगत लाभ की योजनाएं दिव्यांग फ्रेंडली बनी है। इससे प्रत्येक श्रेणी के दिव्यांग को उनका समुचित लाभ प्राप्त होने लगा है। ये विचार महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने गुरूवार को राजस्थान नेत्राहीन सेवा संघ के द्वारा आयोजित फूड सिक्योरिटी एलाउंस के त्रैमासिक चैक वितरण समारोह के दौरान कहे।
उन्होंने कहा कि दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए उनसे संबंधित विद्यालयों के बाहर भी कार्य करने चाहिए। इससे उनकों अधिकतम लाभ प्राप्त हो सकेगा। कूटरचित विकलांग प्रमाण पत्र के माध्यम से वास्तविक विकलांगों का अधिकार खत्म करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए। दृष्टि बाधित विशेष विद्यालयों में बे्रललिपि सिखाने वाले शिक्षकों का पदस्थापन करने के लिए सरकार प्रयासरत है। समस्त दुष्टि बाधितों को नवीनतम तकनीक से ब्रेल भाषा का ज्ञान प्रदान किया जाना चाहिए।
राजस्थान निःशक्तजन आयोग के आयुक्त धन्नाराम पुरोहित ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार दिव्यांगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। विशेष विद्यालयों के साथ-साथ फील्ड में भी चलन बाधा रहित संरचनाएं विकसित करने पर सरकार का जोर है। दिव्यांगों के 1996 से खाली पदों का बेकलाॅग भरने के संबंध में उच्चतम न्यायलय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार भर्तिया करने के लिए आयोग एवं सरकार द्वारा सकारात्मक पहल करके राहत प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी कार्यकर्ताओं से एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के दौरान दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों को घर के पास पदस्थापित करने का प्रयास किया जाता है।
कार्यक्रम में कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि मानव सेवा मादव सेवा है। दिव्यांगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ द्वारा देश के एक हजार दृष्टि बाधित व्यक्तियों को फूड सिक्योरिटी एलाउंस प्रदान करने के लिए चिन्हित किया गया था। राजस्थान के 138 व्यक्तियों को यह एलाउंस प्रदान किया गया। कार्यक्रम में डूंगरपुर, धौलपुर, भीलवाड़ा, पाली, बीकानेर, नागौर, उदयपुर, झुंझुनूं एवं अजमेर जिले सहित राजस्थान के दृष्टि बाधितों में त्रैमासिक एलाउंस का चैक ग्रहण किया।
इस अवसर राजस्थान नेत्रहीन सेवा संघ के निर्मल कुमार खण्डेलवाल, विजय सिंह गहलोत, जय राम मीना, राजस्थान नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कोच अवध बिहारी शर्मा, जिला रोजगार अधिकारी अर्पण कुमार चौधरी, इस्लाम एवं विभिन्न जिलों से आए दृष्टि बाधित मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए उनसे संबंधित विद्यालयों के बाहर भी कार्य करने चाहिए। इससे उनकों अधिकतम लाभ प्राप्त हो सकेगा। कूटरचित विकलांग प्रमाण पत्र के माध्यम से वास्तविक विकलांगों का अधिकार खत्म करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए। दृष्टि बाधित विशेष विद्यालयों में बे्रललिपि सिखाने वाले शिक्षकों का पदस्थापन करने के लिए सरकार प्रयासरत है। समस्त दुष्टि बाधितों को नवीनतम तकनीक से ब्रेल भाषा का ज्ञान प्रदान किया जाना चाहिए।
राजस्थान निःशक्तजन आयोग के आयुक्त धन्नाराम पुरोहित ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं राज्य सरकार दिव्यांगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। विशेष विद्यालयों के साथ-साथ फील्ड में भी चलन बाधा रहित संरचनाएं विकसित करने पर सरकार का जोर है। दिव्यांगों के 1996 से खाली पदों का बेकलाॅग भरने के संबंध में उच्चतम न्यायलय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार भर्तिया करने के लिए आयोग एवं सरकार द्वारा सकारात्मक पहल करके राहत प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी कार्यकर्ताओं से एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के दौरान दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों को घर के पास पदस्थापित करने का प्रयास किया जाता है।
कार्यक्रम में कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि मानव सेवा मादव सेवा है। दिव्यांगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा।
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ द्वारा देश के एक हजार दृष्टि बाधित व्यक्तियों को फूड सिक्योरिटी एलाउंस प्रदान करने के लिए चिन्हित किया गया था। राजस्थान के 138 व्यक्तियों को यह एलाउंस प्रदान किया गया। कार्यक्रम में डूंगरपुर, धौलपुर, भीलवाड़ा, पाली, बीकानेर, नागौर, उदयपुर, झुंझुनूं एवं अजमेर जिले सहित राजस्थान के दृष्टि बाधितों में त्रैमासिक एलाउंस का चैक ग्रहण किया।
इस अवसर राजस्थान नेत्रहीन सेवा संघ के निर्मल कुमार खण्डेलवाल, विजय सिंह गहलोत, जय राम मीना, राजस्थान नेत्रहीन क्रिकेट टीम के कोच अवध बिहारी शर्मा, जिला रोजगार अधिकारी अर्पण कुमार चौधरी, इस्लाम एवं विभिन्न जिलों से आए दृष्टि बाधित मौजूद थे।