धूल फांक रहा है 78 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इस्तेमाल लायक सामान

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नई दिल्ली। हाल ही में किए गए एक सर्वे के आंकड़ों से एक चौकाने वाले वाली बात सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि देशभर में 78 हजार रुपए से ज्यादा की कीमत वाला ऐसा सामान, जो इस्तेमाल में लिए जाने के काबिल है, वह भारत भर के घरों में फालतू ही रखा हुआ है। इन सामानों में कपड़े, बर्तन और किताबें शामिल हैं।

जी हां, ये चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, इस्तेमालशुदा सामान का क्रय—विक्रय करने वाली ऑनलाइन कंपनी ओएलएक्स द्वारा करवाए गए एक सर्वेक्षण में। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी साल 2013-14 में करवाए गए पहले सर्वेक्षण में ओएलएक्स ने 'ब्राउन मनी' शब्द का इस्तेमाल उस मूल्य के रूप में किया था, जो कि घरों में इस्तेमाल नहीं किए जा रहे सामान के रूप में पड़ा है। यानी ऐसा सामान जो घरों में यूं ही धूल फांक रहा है।

इस्तेमालशुदा सामान और ब्रिकी रुख पर उपभोक्ता अनुसंधान' (क्रस्ट) सर्वे 2014-15 के द्वितीय संस्करण के अनुसार इस्तेमालशुदा सामान का अनुमानित बाजार लगभग 56,200 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए यह ताजा रिपोर्ट ओएलएक्स तथा बाजार अनुसंधान फर्म आईएमआरबी ने तैयार की है।

इसके अनुसार औसतन हर परिवार में 12 विभिन्न कपड़े, 14 बर्तन या किचन का दूसरा सामान, 11 किताबें, सात किचन उपकरण, दो मोबाइल फोन और तीन घड़ियों का भंडार है। इस भंडार के लिहाज से दक्षिण भारत अन्य क्षेत्रों की तुलना में ऊपर है। शहरों में चंडीगढ़ और कोच्चि सबसे ऊपर हैं।

बहरहाल, ऐसे में यदि देशभर के घरों में रखा ये सामान, जिसे लोग बेकार समझकर यूं ही कबाड़ में रखे हुए हैं, वह सामान यदि किसी जरूरतमंद तक पहुंच जाए तो हजारों लोगों के जीवन में काफी कुछ बदलाव अवश्य आ सकता है। ऐसे में हम सभी को इस बारे में सोचने की आवश्यकता है, क्योंकि हरेक बदलाव एक छोटी सी शुरूआत से ही होता है।



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