बीहड़ बचाने के लिए एक मंच पर आए चम्बल के पूर्व खूंखार डकैत
राजधानी जयपुर में कल्पतरू संस्थान की ओर से रविवार को आयोजित किए गए कार्यक्रम 'पहले बसाया बीहड़ - अब बचाएंगे बीहड़' में चंबल के बीहड़ों में रहने वाले करीब 27 से ज्यादा छोटे-बड़े पूर्व डाकुओं का जमावड़ा एक साथ दिखाई दिया। इन डकैतों ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया और कहा कि अगर सरकार का साथ मिले तो वे जंगल बचा सकते हैं। इस मौके पर गब्बर सिंह, रेणु यादव, बलवंत सिंह तोमर और सीमा परिहार जैसे कई पूर्व डाकू मौजूद थे।
कार्यक्रम में पान सिंह तोमर के भतीजे बलवंत सिंह तोमर ने कहा कि चंबल हमारी मां है। हम जब फरार थे, तब किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि वह इन जंगलों से एक भी पेड़ अपनी मर्जी से काट सके। लेकिन आज, जंगल बचे ही नहीं हैं।
कभी डकैत रहे और अब संन्यासी बन चुके पंचम सिंह ने कहा कि महिलाओं का हम इस कदर सम्मान करते थे कि एक महिला से छेड़छाड़ करने वाले अपने ही सदस्य को उन्होंने जिंदा जला कर मार डाला था।
दस्यु सुंदरी के तौर पर पहचान बना चुकीं सीमा परिहार ने कहा कि पहले के मुकाबले अब दो फीसद भी जंगल नहीं बचे हैं। कोई भी मौसम हो, ये पेड़ ही हमारी छत होते थे। अगर हमें जिम्मेदारी मिले तो हम चंबल को फिर से हरा भरा बना सकते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक विष्णु लाम्बा ने बताया कि आमजन में पेड़ लगाने और पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
हमारी इस मुहीम में अगर सरकार का सहयोग मिल जाता है, तो जंगल एवं पर्यावरण को बचाने का हमारा प्रयास कारगर साबित हो सकेगा। क्योंकि जंगलों में रहने वाले इन पूर्व डकैतों की मदद से जंगलों में किए जाने वाले अवैध खनन, बजरी खनन एवं पेड़ों की कटाई को रोका जा सकता हैं।
कार्यक्रम के दौरान सभी पूर्व दस्युओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के नाम सांसद रामचरण बोहरा और प्रधान मुख्य वन सरक्षक डॉ एस एस चौधरी को मांग पत्र दिया गया।
पूर्व दस्युओं की और से केंद्र सरकार के नाम मांग पत्र :
- पूर्व दस्युओं को 'स्वच्छ भारत मिशन' से जोड़ते हुए पर्यावरणीय दृष्टि से 'आदर्श ग्राम' योजना अथवा 'स्मार्ट सीटी' से जोड़ा जाए।
- सम्पूर्ण बीहड़ को समतल करनें के स्थान पर सेंचुरी डवलपमेंट, सघन वनीकरण और ग्रास लेंड जैसे कार्यों में उपयोग किया जाए।
- बीहड़ की पहाड़ियों नदी, नालों, झरनों आदि को सरक्षित करते हुए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।
- बीहड़ क्षेत्र में मौजूद विलुप्त होते मेडिसिन प्लांट को सरक्षण देनें के लिए योजना बनाई जाए।
- वह बालक—बालिका जिनके पिता जेल में है तथा माता पिता उन्हें छोड़कर अन्य स्थान अथवा अन्य किसी से शादी कर चुकी है, उन बालक—बालिकाओं की शिक्षा एवं दैनिक भरण पोषण की व्यवस्था सम्बंधित गांव के सरपंच के माध्यम से की जाए।
- पूर्व दस्युओं की बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक की शिक्षा मुफ्त दीं जाए।
- पूर्व दस्यु परिवारों को 'वन मित्र' अथवा 'वन बंधू योजना' से जोड़ा जाए।
- दस्युओं के बालक—बालकों के लिए हेतु कबड्डी, खो—खो, जेवलिन थ्रो, डिसकस थ्रो दौड़, मल्ल खम्भ, कुश्ती जैसे खेलों हेतु सार्वजनिक मैदान उपलब्ध कराये जाए।
- दस्यु परिवारों को स्किल डेवलेपमेंट के नाम पर कृषि की एडवांस ट्रेनिंग हेतु केम्प लगवाकर प्रशिक्षित किया जाए।
- जल स्वावलम्बन अभियान में अनुभव का लाभ लेते हुए पूर्व दस्यु परिवारों की मदद ली जाए।
- पूर्व दस्यु परिवारों की बालिकाओं के लिए विवाह में आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
- जिन दस्युओं द्वारा समर्पण किया गया है, उनके दिव्यांग (विकलांग), मंढ़बुद्धि एवं लाइलाज बीमारी का व्यव राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाए।
- लोक नायक जे.पी जी के नेतृत्व या स्वप्रेरणा से समर्पण करने वाले दस्युओं के लिए 'दस्यु-सरकार समझोता' के तहत की गई घोषनाएं पूरी की जाएं यथा भूमि आवंटन आदि।