Be Alert : इन तरीकों से किया जा रहा है ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/11/these-ways-being-used-to-convert-black-money-into-white.html
नई दिल्ली (इंटरनेट डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भ्रष्टाचार और कालेधन को मिटाने के लिए भले ही 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया गया हो, लेकिन काले धन का कारोबार करने वाले भी कुछ कम नहीं है। ये लोग न जाने किस मिट्टी के बने हैं, जो अभी तक भी सामने नहीं आ पा रहे हैं। दरअसल ये लोग कालेधन के खात्मे के लिए मोदी सरकार की कवायद का तोड़ ढूंढने की कवायदों में लगे हैं और वह कई तरीकों से काले धन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में ऐसी खबरें भी आई थी, जिनमें बताया गया था कि नोटबंदी के फैसले के बाद गूगल में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाला विषय how to change black money to white money नजर आया था। ऐसा सर्च करके कई लोग गूगल पर काले धन को व्हाइट में बदलने के तरीके ढूंढने का प्रयास कर रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, ग्रे मार्केट में करोड़ों रुपए को चार्ज लेकर किसी की ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट किया जाता है। दरअसल, किसी की व्यक्ति अथवा संस्थान की अघोषित सम्पत्ति को काला धन कहा जाता है, जिसका पता लगाने के लिए ही पीएम मोदी ने विमुद्रीकरण की कवायद को अन्जाम दिया है। इसी काले धन को व्हाइट में कन्वर्ट करने के लिए ग्रे मार्केट का सहारा लिया जाता है, जिसमें किसी की ब्लैक मनी पर 25 से 30 फीसदी तक का चार्ज वसूला जाता है।
ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट कराने के लिए अपनाए जाने वाले रास्ते को ग्रे मार्केट कहा जाता है। असल में ग्रे मार्केट वह मार्केट है, जिसमें गैरकानूनी और अनौपचारिक तरीके से बिना ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने का काम किया जाता है। इस मार्केट में काम करने का तरीका गैरकानूनी माना जाता है, क्योंकि इस मार्केट में उन तमाम तरीकों से काम किया जाता है, जिसे हमारा कानून मान्यता नहीं देता।
"यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिनके जरिए मोदी सरकार की मुहीम पर काले धन का कारोबार करने वाले लोग ग्रे मार्केट के जरिए अपनी ब्लैक मनी को कैसे व्हाइट में कन्वर्ट कराने में लगे हैं। आपको इन बातों का ध्यान रखना है, ताकि अगर आपके मित्र, परिचित, रिश्तेदार या कोई और अपने काले धन को आपके जरिये सफ़ेद करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप सचेत हो जाएं। ध्यान रखें कि यहां बताये जा रहे ये तरीके अवैध हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होना आवश्यक है। इससे आप अनजाने में किसी की मदद करके फंसने से बच सकते हैं।"
* मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रे मार्केट के इस फील्ड में सबसे चार्टेड अकाउंटेंट्स की भी किसी न किसी प्रकार से भूमिका होती है, जो सबसे पहले किसी की भी ब्लैक मनी का पूरा लेखा-जोखा तैयार करते हैं और फिर हिसाब से ज्यादा निकलने वाली रकम को बदलवाने या फिर किसी के अकाउंट में ट्रांसफर करवाने की सलाह देते हैं। इसके बाद लोग अपने हिसाब से अधिक निकलने वाली राशि को किसी दूसरे के अकाउंट में डालकर उसे उसका कमीशन देकर बाकी की रकम वापस ले लेते हैं।
* इसी प्रकार से पेट्रोल पम्पों पर भी ब्लैक को व्हाइट करने का काम किया जाता है। वर्तमान में लाखों की संख्या में 500 और 1,000 रुपए के नोट लिए जा रहे हैं और कुछ दिनों या एक महीने के बाद 2,000 या नए नोट देने का वादा किया जा रहा है। ऐसे में काले धन का कारोबार करने वाले लोगों का किसी भी पेट्रोल पंप मालिक से संबंध होने पर ये काम आसान है। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोल पंप ब्लैक को व्हाइट में कन्वर्ट करने के लिए 5 से 10 फीसदी तक चार्ज भी लेते हैं।
* ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में करने के इस गोरखधंधे में कई ज्वैलर्स की भी भूमिका कुछ कम नहीं होती। भले ही ये ज्वैलर्स किसी के द्वारा ज्वैलरी खरीदे जाने पर उससे पैन कार्ड और वैट लेकर ग्राहक को पक्का बिल देते हों, लेकिन खेल कुछ और ही होता है। दरअसल, इस तरह के ये ज्वैलर्स वह बिल बैक डेट का बना कर देते हैं। पेट्रोल पम्पों की तरह से ही ज्वैलर्स भी 500 और 1,000 रुपए के नोट ले रहे हैं और ऐसे में शादियों के सीजन में बढ़ी हुई सेल को वह सरकार को आसानी से बता सकते हैं।
* पीटीआई की एक खबर के मुतबिक ग्रामीण क्षेत्रों में कई को-ऑपरेटिव बैंक बैक डेट में जाकर फिक्स्ड डिपोजिट कर रहे हैं। वह ऐसा कर कैश को व्हाइट में कन्वर्ट कर रहे हैं। मोदी सरकार के फैसले से पहले की डेट में जाकर एफडी करने से सरकार भी सवाल नहीं उठा सकती। ऐसे को-ऑपरेटिव बैंक को नेता सीधे तौर पर कंट्रोल करते हैं। हालांकि, इस तरीके पर सरकार की कड़र नजर बनी हुई है।
* इसी प्रकार से अपने काले धन को व्हाइट में कराने का एक और तरीका ये अपनाया जा रहा है, जिसमें किसी कर रहित संस्था को रुपए दान में दिया जाना बताया जा रहा है। इस रकम में से उस संस्था को कुछ कमीशन देकर बाकी रकम वापस ले ली जाती है और फिर उसे अन्य कई मदों से प्राप्त आय बताकर उसे व्हाइट मनी बना लिया जाता है।
* उपरोक्त सभी तरीकों के अलावा एक अन्य और सबसे आखिरी तरीका भी है, जिससे काले धन का कारोबार करने वाले अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट करवा लेते हैं। इस तरीके को उपरोक्त सभी तरीकों से आसान और बिना की परेशानी रहित माना जा सकता है। इस तरीके के तहत काला धन रखने वाले धनकुबेरों द्वारा अपने धन की सही-सही जानकारी सरकार को दी जाती है और उस पर लगने वाले टेक्स तथा दंड का भुगतान कर दिया जाता है। इसके बाद बाकी बची रकम को व्हाइट बना लिया जाता है।
विशेष : हम अपने सभी पाठकों से एक बार फिर निवेदन करते हैं कि उपरोक्त तरीकों में से किसी भी तरीके से यदि आपका कोई मित्र, रिश्तेदार, परिचित या फिर कोई भी व्यक्ति आपके जरिये अपने काले धन को व्हाइट में कन्वर्ट करवाने की कोशिश करें तो उसे सबसे आखिरी वाला तरीका बताएं, ताकि सरकार को टेक्स और दंड के रूप में मिलने वाली राशि प्राप्त हो सके। ऐसा करने से आप न सिर्फ उसकी सच्ची मदद कर सकते हैं, बल्कि देश को सही दिशा में आगे ले जाने में भी भागीदारी निभा सकते हैं। अत: किसी भी काले धन के कारोबारी का साथ न दें और सचेत रहें, अन्यथा आप अपने ही देश के सबसे बड़े गद्दार साबित हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ग्रे मार्केट में करोड़ों रुपए को चार्ज लेकर किसी की ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट किया जाता है। दरअसल, किसी की व्यक्ति अथवा संस्थान की अघोषित सम्पत्ति को काला धन कहा जाता है, जिसका पता लगाने के लिए ही पीएम मोदी ने विमुद्रीकरण की कवायद को अन्जाम दिया है। इसी काले धन को व्हाइट में कन्वर्ट करने के लिए ग्रे मार्केट का सहारा लिया जाता है, जिसमें किसी की ब्लैक मनी पर 25 से 30 फीसदी तक का चार्ज वसूला जाता है।
ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट कराने के लिए अपनाए जाने वाले रास्ते को ग्रे मार्केट कहा जाता है। असल में ग्रे मार्केट वह मार्केट है, जिसमें गैरकानूनी और अनौपचारिक तरीके से बिना ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदलने का काम किया जाता है। इस मार्केट में काम करने का तरीका गैरकानूनी माना जाता है, क्योंकि इस मार्केट में उन तमाम तरीकों से काम किया जाता है, जिसे हमारा कानून मान्यता नहीं देता।
"यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिनके जरिए मोदी सरकार की मुहीम पर काले धन का कारोबार करने वाले लोग ग्रे मार्केट के जरिए अपनी ब्लैक मनी को कैसे व्हाइट में कन्वर्ट कराने में लगे हैं। आपको इन बातों का ध्यान रखना है, ताकि अगर आपके मित्र, परिचित, रिश्तेदार या कोई और अपने काले धन को आपके जरिये सफ़ेद करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप सचेत हो जाएं। ध्यान रखें कि यहां बताये जा रहे ये तरीके अवैध हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होना आवश्यक है। इससे आप अनजाने में किसी की मदद करके फंसने से बच सकते हैं।"
* मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रे मार्केट के इस फील्ड में सबसे चार्टेड अकाउंटेंट्स की भी किसी न किसी प्रकार से भूमिका होती है, जो सबसे पहले किसी की भी ब्लैक मनी का पूरा लेखा-जोखा तैयार करते हैं और फिर हिसाब से ज्यादा निकलने वाली रकम को बदलवाने या फिर किसी के अकाउंट में ट्रांसफर करवाने की सलाह देते हैं। इसके बाद लोग अपने हिसाब से अधिक निकलने वाली राशि को किसी दूसरे के अकाउंट में डालकर उसे उसका कमीशन देकर बाकी की रकम वापस ले लेते हैं।
* इसी प्रकार से पेट्रोल पम्पों पर भी ब्लैक को व्हाइट करने का काम किया जाता है। वर्तमान में लाखों की संख्या में 500 और 1,000 रुपए के नोट लिए जा रहे हैं और कुछ दिनों या एक महीने के बाद 2,000 या नए नोट देने का वादा किया जा रहा है। ऐसे में काले धन का कारोबार करने वाले लोगों का किसी भी पेट्रोल पंप मालिक से संबंध होने पर ये काम आसान है। सूत्रों के मुताबिक, पेट्रोल पंप ब्लैक को व्हाइट में कन्वर्ट करने के लिए 5 से 10 फीसदी तक चार्ज भी लेते हैं।
* ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में करने के इस गोरखधंधे में कई ज्वैलर्स की भी भूमिका कुछ कम नहीं होती। भले ही ये ज्वैलर्स किसी के द्वारा ज्वैलरी खरीदे जाने पर उससे पैन कार्ड और वैट लेकर ग्राहक को पक्का बिल देते हों, लेकिन खेल कुछ और ही होता है। दरअसल, इस तरह के ये ज्वैलर्स वह बिल बैक डेट का बना कर देते हैं। पेट्रोल पम्पों की तरह से ही ज्वैलर्स भी 500 और 1,000 रुपए के नोट ले रहे हैं और ऐसे में शादियों के सीजन में बढ़ी हुई सेल को वह सरकार को आसानी से बता सकते हैं।
* पीटीआई की एक खबर के मुतबिक ग्रामीण क्षेत्रों में कई को-ऑपरेटिव बैंक बैक डेट में जाकर फिक्स्ड डिपोजिट कर रहे हैं। वह ऐसा कर कैश को व्हाइट में कन्वर्ट कर रहे हैं। मोदी सरकार के फैसले से पहले की डेट में जाकर एफडी करने से सरकार भी सवाल नहीं उठा सकती। ऐसे को-ऑपरेटिव बैंक को नेता सीधे तौर पर कंट्रोल करते हैं। हालांकि, इस तरीके पर सरकार की कड़र नजर बनी हुई है।
* इसी प्रकार से अपने काले धन को व्हाइट में कराने का एक और तरीका ये अपनाया जा रहा है, जिसमें किसी कर रहित संस्था को रुपए दान में दिया जाना बताया जा रहा है। इस रकम में से उस संस्था को कुछ कमीशन देकर बाकी रकम वापस ले ली जाती है और फिर उसे अन्य कई मदों से प्राप्त आय बताकर उसे व्हाइट मनी बना लिया जाता है।
* उपरोक्त सभी तरीकों के अलावा एक अन्य और सबसे आखिरी तरीका भी है, जिससे काले धन का कारोबार करने वाले अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट में कन्वर्ट करवा लेते हैं। इस तरीके को उपरोक्त सभी तरीकों से आसान और बिना की परेशानी रहित माना जा सकता है। इस तरीके के तहत काला धन रखने वाले धनकुबेरों द्वारा अपने धन की सही-सही जानकारी सरकार को दी जाती है और उस पर लगने वाले टेक्स तथा दंड का भुगतान कर दिया जाता है। इसके बाद बाकी बची रकम को व्हाइट बना लिया जाता है।
विशेष : हम अपने सभी पाठकों से एक बार फिर निवेदन करते हैं कि उपरोक्त तरीकों में से किसी भी तरीके से यदि आपका कोई मित्र, रिश्तेदार, परिचित या फिर कोई भी व्यक्ति आपके जरिये अपने काले धन को व्हाइट में कन्वर्ट करवाने की कोशिश करें तो उसे सबसे आखिरी वाला तरीका बताएं, ताकि सरकार को टेक्स और दंड के रूप में मिलने वाली राशि प्राप्त हो सके। ऐसा करने से आप न सिर्फ उसकी सच्ची मदद कर सकते हैं, बल्कि देश को सही दिशा में आगे ले जाने में भी भागीदारी निभा सकते हैं। अत: किसी भी काले धन के कारोबारी का साथ न दें और सचेत रहें, अन्यथा आप अपने ही देश के सबसे बड़े गद्दार साबित हो सकते हैं।