सहिष्णुता की मिसाल : रामायण की परीक्षा में मुस्लिम छात्रा ने किया टॉप

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पुट्टुर (कर्नाटक)। असहिष्णुता को लेकर देश में पिछले दिनों भले ही काफी हो-हल्ला मचा हो, लेकिन इसी बीच धार्मिक सहिष्णुता का एक बेहतरीन उदहारण कर्नाटक में नजर आया है, जहां एक मुस्लिम छात्रा ने हिन्दू ग्रन्थ रामायण को लेकर आयोजित परीक्षा में टॉप किया है।

कर्नाटक-केरल सीमा पर स्थित सुल्लियापडावु के सर्वोदय हाई-स्कूल की 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्रा फातिमात राहिला ने 'रामायण' पर आधारित परीक्षा में पूरे जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है।

रामायण पर आधारित इस परीक्षा में टॉप पर रहने वाली यह मुस्लिम छात्र पुट्टुर जिले की रहने वाली हैं और इस जिले को ध्यान में रखते हुए, यह खबर एक प्रकार से एक अस्वाभाविक-सी प्रतीत होती है, लेकिन पूरी तरह से सही है।

दरअसल, भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान ने नवंबर, 2015 में 'रामायण' पर आधारित एक परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा के परिणाम में राहिला को 93 प्रतिशत अंक मिले हैं। जानकारी के अनुसार, राहिला हिंदू धर्म के दो सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथों रामायण और महाभारत पर आधारित पाठ्यक्रम में पढ़ना चाहती हैं।

राहिला ने बताया कि वर्तमान सत्र की शुरुआत से ही उसने प्रतियोगिता के लिए मेहनत शुरू कर दी थी। उसने 'महाभारत' पर आधारित परीक्षा में भी बैठने की इच्छा जताई। वहीँ राहिला के प्रधानाचार्य शिवराम एच डी और परीक्षा संयोजक पी सत्यशंकर भट ने स्पष्ट किया कि किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में भाग लेने या तैयारी करने के लिए बाध्य नहीं किया जाता, यह पूरी तरह से स्वेच्छा का विषय है।

गौरतलब है कि इस परीक्षा में राहिला के स्कूल से 8वीं और 9वीं कक्षा के करीबन 39 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। उल्लेखनीय है की इससे पूर्व भी इसी प्रकार से मुंबई की एक मुस्लिम छात्रा मरियम सिद्दीकी भी श्रीमद् भागवत गीता पर आधारित एक प्रतियोगिता में विजेता रही थी।

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