निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का शहर के प्रमुख स्थानों पर होगा पंजीयन
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अजमेर। श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने सभी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीयन कराकर पुण्य के भागी बनें, जिससे ये मजदूर और इनके परिवार विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकें।
उन्होंने कहा कि इस विभाग के पास श्रमिक कल्याण के लिए धन की कोई कमी नही है और राज्य सरकार ने इनके कल्याण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं प्रारम्भ की है।
श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री आज अपरान्ह कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में आयोजित श्रम एवं नियोजन विभाग के अधिकारियों व कौशल विकास से जुड़ी संस्था के प्रतिनिधियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, विभाग के आयुक्त रजत कुमार मिश्र, विधायक भागीरथ चौधरी, रामनारायण गुर्जर एवं सुरेश सिंह रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
टीटी ने बताया कि श्रमिकों के कल्याण के लिए स्थापित कोष में एक हजार करोड़ रूपये की राशि जमा है, परन्तु इसकी योजनाओं की जानकारी व श्रमिकों के पंजीयन के अभाव में इसका उपयोग नही हुआ है। विभाग का भी बजट जो पूर्व में 22 करोड़ रूपये था, मुख्यमंत्राी वसुन्धरा राजे ने इस वर्ष इसे 500 करोड़ रूपये कर दिया है।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के अधिकार अब ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सेवक, विकास अधिकारी को, सार्वजनिक निर्माण, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंताओं को भी दे दिया है। एक रजिस्ट्रेशन पर 25 रूपये मानदेय भी अधिकारी-कर्मचारी को दिया जाएगा।
उन्होंने सभी विधायक व प्रधान से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र के असंगठित मजदूरों का शत-प्रतिशत पंजीयन कराकर उनका जीवन भी खुशहाल बनाने में मदद करें। उन्होंने कौशल विकास के लिए जिले में चलाए जा रहे 9 प्रशिक्षण केन्द्रों का भी जनप्रतिनिधियों से अवलोकन कर यहां दिए जा रहे प्रशिक्षण को और लोकप्रिय बनाने का अनुरोध किया जिससे एक साधारण मजदूर 'स्किल्ड लेबर' बन सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य के चार संभाग मुख्यालय जयपुर, कोटा, बीकानेर व भरतपुर स्थित रोजगार कार्यालयों को केरियर सेन्टर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए 4 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की है। अगले वर्ष शेष 3 संभाग मुख्यालयों को इसमें सम्मिलित कर आने वाले वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों को केयर सेन्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्रम एवं नियोजन मंत्राी ने अजमेर शहर में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को निशुल्क आवास देने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण से उपयुक्त भूमि देने को कहा, जिससे यहां लगभग एक हजार मकानों का निर्माण कराकर आवासहीन श्रमिकों को लाॅटरी से निशुल्क आवास आंवटित किए जा सकें। उन्होंने अजमेर के चिकित्सालयों में भी रसोई के निर्माण के लिए जमीन आंवटित करने को कहा।
विभाग यहां आधुनिक रसोई का निर्माण कराकर विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराएगा, जिससे चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को शुद्ध खाना मिल सकें। उन्होंने रोजगार मेलें आयोजित कर बेरोजगारों को अधिक संख्या में रोजगार के लिए प्रेरित करने को कहा इन मेलों में विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आंमत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस विभाग के पास श्रमिक कल्याण के लिए धन की कोई कमी नही है और राज्य सरकार ने इनके कल्याण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं प्रारम्भ की है।
श्रम एवं नियोजन राज्य मंत्री आज अपरान्ह कलेक्ट्रेट के समिति कक्ष में आयोजित श्रम एवं नियोजन विभाग के अधिकारियों व कौशल विकास से जुड़ी संस्था के प्रतिनिधियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल, विभाग के आयुक्त रजत कुमार मिश्र, विधायक भागीरथ चौधरी, रामनारायण गुर्जर एवं सुरेश सिंह रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
टीटी ने बताया कि श्रमिकों के कल्याण के लिए स्थापित कोष में एक हजार करोड़ रूपये की राशि जमा है, परन्तु इसकी योजनाओं की जानकारी व श्रमिकों के पंजीयन के अभाव में इसका उपयोग नही हुआ है। विभाग का भी बजट जो पूर्व में 22 करोड़ रूपये था, मुख्यमंत्राी वसुन्धरा राजे ने इस वर्ष इसे 500 करोड़ रूपये कर दिया है।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के अधिकार अब ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सेवक, विकास अधिकारी को, सार्वजनिक निर्माण, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंताओं को भी दे दिया है। एक रजिस्ट्रेशन पर 25 रूपये मानदेय भी अधिकारी-कर्मचारी को दिया जाएगा।
उन्होंने सभी विधायक व प्रधान से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र के असंगठित मजदूरों का शत-प्रतिशत पंजीयन कराकर उनका जीवन भी खुशहाल बनाने में मदद करें। उन्होंने कौशल विकास के लिए जिले में चलाए जा रहे 9 प्रशिक्षण केन्द्रों का भी जनप्रतिनिधियों से अवलोकन कर यहां दिए जा रहे प्रशिक्षण को और लोकप्रिय बनाने का अनुरोध किया जिससे एक साधारण मजदूर 'स्किल्ड लेबर' बन सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य के चार संभाग मुख्यालय जयपुर, कोटा, बीकानेर व भरतपुर स्थित रोजगार कार्यालयों को केरियर सेन्टर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए 4 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की है। अगले वर्ष शेष 3 संभाग मुख्यालयों को इसमें सम्मिलित कर आने वाले वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों को केयर सेन्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्रम एवं नियोजन मंत्राी ने अजमेर शहर में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को निशुल्क आवास देने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण से उपयुक्त भूमि देने को कहा, जिससे यहां लगभग एक हजार मकानों का निर्माण कराकर आवासहीन श्रमिकों को लाॅटरी से निशुल्क आवास आंवटित किए जा सकें। उन्होंने अजमेर के चिकित्सालयों में भी रसोई के निर्माण के लिए जमीन आंवटित करने को कहा।
विभाग यहां आधुनिक रसोई का निर्माण कराकर विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराएगा, जिससे चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को शुद्ध खाना मिल सकें। उन्होंने रोजगार मेलें आयोजित कर बेरोजगारों को अधिक संख्या में रोजगार के लिए प्रेरित करने को कहा इन मेलों में विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आंमत्रित किया जाएगा।