बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम ने की रिफायनरी के एमओयू की जांच की मांग
बाड़मेर। बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने बाड़मेर में प्रस्तावित 9 मिलीयन टन सालाना की रिफायनरी के लिए एचपीसीएल के साथ किए गए एमओयू क...
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी बीते शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान रिफाइनरी के मुद्दे पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोला था। राजे ने कहा था कि पिछली सरकार के समय रिफाइनरी परियोजना को लेकर जिस प्रकार की जल्दबाजी दिखाई गई, उसके पीछे कुछ जरूर था। उन्होनें कहा था परियोजना की फाइल तक नहीं बनाई गई, जरूरी कागजात तक ढूंढने पड़ रहे हैं। इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए ना कोई एडवाइजर नियुक्त किया गया, जो पेट्रोलियम कम्पनी ने कहा, उसी पर हस्ताक्षर कर दिए गए।
रविवार को बाड़मेर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार भी चाहती है कि रिफायनरी बाड़मेर में लगे, लेकिन सरकार राजस्थान के हकों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। उन्होनें कहा कि रिफायनरी की घोषणा के बाद बड़े पैमानें पर जमीनों के बेनामी सौदें हुए थे। एससी/एसटी की जमीन गलत तरीके से खरीदी और बेची गयी थी और कई नेताओं ने भी जमीन खरीदी थी। उन्होनें कहा कि सरकार को इन तमाम मामलों की जांच करवानी चाहिए।
गौरतलब है कि कांग्रेस में रहते हुए भी चौधरी ने रिफायनरी परियोजना का विरोध किया था और अपनी ही सरकार के खिलाफ भूमि अवाप्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। इतना ही नहीं चौधरी ने लीलाला से पचपदरा रिफायनरी स्थानतरिंत किए जाने के फैसले का भी मुखर विरोध किया था। उन्होनें कहा कि रिफायनरी भले ही पचपदरा में लगे, लेकिन पेट्रोकेमीक्ल कॉम्पलेक्स और पेट्रोलियम युनिवर्सिटी बाड़मेर के दुसरे ब्लॉकों में लगनी चाहिए।
सोनाराम चौधरी ने रविवार को ना सिर्फ रिफायनरी मामलें पर बल्कि जयपुर मेट्रों प्रोजक्ट मामलें पर भी पूर्ववती सरकार को घेरते हुए मेट्रों प्रोजेक्ट में पूर्ववती राज्य और केन्द्र सरकार के बीच बड़े कमीशन की बंदरबांट का आरोप लगाया।