भ्रष्टाचार के खेल का एक और खुलासा
जयपुर (इंटरनेट डेस्क)। देश-दुनिया की खबरों के साथ-साथ खोजी पत्रकारिता के करने वाले एक न्यूज पोर्टल investigationmedia ने सरकारी विभाग ...
इंवेस्टिगेशन मीडिया के मुताबिक बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) विभाग के प्रधान महाप्रबंधक दूरसंचार जिला (पीजीएमटीडी) कार्यालय के एक लेखाधिकारी की बिजली विभाग के नियमों को दरकिनार कर फर्जीवाडे से अपने घर में अवैध रूप से बिजली कनेक्शन लेने के मामले का खुलासा किया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ इंवेस्टिगेशन मीडिया के अभियान ‘ऑपरेशन हजरत-1’ में बताया गया है कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) विभाग के प्रधान महाप्रबंधक दूरसंचार जिला (पीजीएमटीडी) कार्यालय के लेखाधिकारी सत्यनारायण गुप्ता (एसएन गुप्ता) ने वर्ष 2003 में अपने चित्रकूट, वैशाली नगर स्थित अपने घर में बिना उसकी पत्नी की सहमति से जेवीवीएनएल जयपुर डिस्कॉम के वैशाली नगर, खण्ड ए-4 से बिजली का कनेक्शन लिया था जबकि, मकान गुप्ता व उसकी पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से है। मकान की रजिस्टर्ड मालकिन उसकी पत्नी है। जबकि, बिजली कनेक्शन लेने के दौरान उसकी पत्नी की न तो कोई सहमति ली गई और न ही कोई एग्रीमेंट किया गया। उसके बाद भी बिजली विभाग के अधिकारियों ने नियमों को नजरअंदाज कर बिजली कनेक्शन जारी कर दिया, जो कि नियमों के खिलाफ है।
गुप्ता का यह प्लॉट वर्ष 1996 में जेडीए ने उसकी पत्नी अनु गुप्ता के नाम से आवंटन किया था। उसके बाद 17 मई 2003 को अनु गुप्ता ने पति का नाम मकान में जोडने के संबंध में जेडीए को एक पत्र लिखा। उसके बाद उस पत्र के आधार पर जेडीए ने प्लॉट में 17 जून 2003 को सत्यनारायण गुप्ता का नाम जोडने की प्रक्रिया जारी कर 18 जून 2003 को दोनों के नाम से संयुक्त पट्टा जारी कर दिया। उसके बाद यह मकान संयुक्त नाम से होने पर भी उक्त लेखाधिकारी ने वर्ष 2003 में बिजली विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से मिलीभगत कर अपनी पत्नी की सहमति के बिना ही बिजली का कनेक्शन जारी करवा लिया।
बहरहाल, ऐसे में भ्रष्टाचार को रोकने के दावे पेश करने वाले सरकारी कारिंदों और राजनेताओं के दावे और प्रयास कितने कारगर साबित हो पाएंगे यह कहना मुश्किल होगा और भ्रष्टाचार का खात्मा करने के नाम पर देश में हो रही राजनीति भी इसको लेकर क्या कदम उठाती है यह देखना काफी दिलचस्प हो रहा है।