साधू ने बताया गाँव में सोने का खजाना, और फिर...
उन्नाव (RN1 संवाददाता) । ‘गांव बसा नहीं कि लुटेरे पहले आ गये’ की कहावत आपने कई दफा सुनी होगी। डौडियाखेडा में भी मामला कुछ ऐसा ही है। गां...
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उन्नाव (RN1 संवाददाता) । ‘गांव बसा नहीं कि लुटेरे पहले आ गये’ की कहावत आपने कई दफा सुनी होगी। डौडियाखेडा में भी मामला कुछ ऐसा ही है। गांव तो बसा हुआ है लेकिन अब गांव वालों की आस है खजाने की। गांव के साधु ने एक हजार टन सोने के छिपे होने का सपना क्या देखा गांव वालों ने तमाम तरह के ख्वाब सजाने शुरू कर दिए हैं।
किसी ने खजाना मिलने के बाद गांव में एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल खोलने की मांग कर डाली तो किसी ने कहा कि खजाना तो हमारे गांव से ही निकलेगा इसलिए इसलिए गांव के हर घर से किसी एक को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
बताया जा रहा है कि ये वही खजाना है जिसके लिए एएसआई एक हफ्ते बाद खुदाई करने वाला है। माना जा रहा है कि यहां जमीन के नीचे सोना गड़ा है। खैर खजाना मिले या न मिले लेकिन गांव वालों की ठसक यह है कि वह नौकरी करेंगे तो केंद्र सरकार की ही करेंगे। इसके लिए बाकायदा गांव वालों ने ग्राम प्रधान की अगुवाई में पूरी की पूरी विश लिस्ट प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को बनाकर भेज दी है।
- इलाके को हवाई नेटवर्क से इलाके को जोड़ा जाए।
- गांव वालों को सरकारी सुविधाओं में विशेष वरीयता दी जाए।
- गांव की जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की जाए।
- इलाके के ज्यादातर विकास केंद्र डौडियाखेडा गांव में हों।
किसी ने खजाना मिलने के बाद गांव में एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल खोलने की मांग कर डाली तो किसी ने कहा कि खजाना तो हमारे गांव से ही निकलेगा इसलिए इसलिए गांव के हर घर से किसी एक को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
बताया जा रहा है कि ये वही खजाना है जिसके लिए एएसआई एक हफ्ते बाद खुदाई करने वाला है। माना जा रहा है कि यहां जमीन के नीचे सोना गड़ा है। खैर खजाना मिले या न मिले लेकिन गांव वालों की ठसक यह है कि वह नौकरी करेंगे तो केंद्र सरकार की ही करेंगे। इसके लिए बाकायदा गांव वालों ने ग्राम प्रधान की अगुवाई में पूरी की पूरी विश लिस्ट प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को बनाकर भेज दी है।
ये है गांव वालों की मांगे :
- इलाके को पर्यटन नगरी के तौर पर डेवलप किया जाए।- इलाके को हवाई नेटवर्क से इलाके को जोड़ा जाए।
- गांव वालों को सरकारी सुविधाओं में विशेष वरीयता दी जाए।
- गांव की जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की जाए।
- इलाके के ज्यादातर विकास केंद्र डौडियाखेडा गांव में हों।