पुलिस यानि आमजन में विश्वास आपराधियों में डर...

पि छले कुछ समय से सीकर शहर में बदमाशों का बोलबाला सर चढ़कर बोलने लगा है। वहीं दूसरी और पुलिस उतनी ही बौनी साबित होती जा रही है। सीकर शहर म...

पिछले कुछ समय से सीकर शहर में बदमाशों का बोलबाला सर चढ़कर बोलने लगा है। वहीं दूसरी और पुलिस उतनी ही बौनी साबित होती जा रही है। सीकर शहर में लुटेरों और बदमाशों का भय इस कदर व्याप्त हो चूका है कि शहर की जनता का विश्वास पुलिस के नाम से उठता चला जा रहा है। शहर में आये दिन सरेआम महिलाओं के साथ गले की चैन स्नैचिंग के साथ लूटपाट की वारदात मानो जैसे आम बात हो गई है। जिस तरह से बदमाशों का हौसला बुलंद है। वहीं पुलिस उतनी ही कमजोर और लचर दिखाई पड़ रही है।

ऐसी ही एक घटना विगत रात्रि में उस वक्त सामने आई, जब सीकर शहर निवासी आफताब आलम अपने मित्र के साथ मोटर साईकिल पर सवार होकर बाजार से घर आ रहा था। तभी अचानक कुछ बदमाश मोटर साईकिल पर सवार होकर आए और इनको सरेआम बीच रास्ते में रोककर मोबाईल और पर्स छिनने की कोशिश करने लगे। जब पीड़ित इस घटना का विरोध करने लगे तो उनके साथ मारपीट करने लगे। घटना की सूचना मोबाईल से सम्बंधित पुलिस थाने में दी गई तो, वही हुआ जो हम अक्सर हिंदी फिल्मो में देखने को मिलता है। घटना के करीब आधे घंटे के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन इससे पहले ही बदमाशजन वारदात को अंजाम देकर नौ दो ग्यारह हो चुके थे।

इस घटना में सबसे मजे की बात ये रही कि घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों में से किसी एक  का मोबाईल छीना-झपटी के दौरान घटनास्थल पर ही गिर गया था। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि मोबाईल पुलिस के हाथ लगने के बाद भी पुलिस किसी तरह की कार्रवाई करने से फिलहाल कन्नी काट रही है। पीड़ित पक्ष की ओर से प्रथम सूचना दर्ज करने की बजाय शहर कोतवाल विजय सेहरा का कहना है कि जहां जनता होगी वहां अपराध भी होगा ही।

यह है हमारी पुलिस की कार्यशैली और इस महान देश की विडंबना। पुलिस खुद अपराध को रोकने की बजाय बढ़ावा देती हुई नजर आ रही है। इन हालात को देखते हुए यह कहना तर्कसंगात ही होगा कि पुलिस का जुमला ‘आमजन में विश्वास आपराधियों में डर’ को शायद अब बदल देना चाहिए, ताकि जो हकीकत है उससे पर्दा उठ जाए। पर्दा उठ जाना भी इसलिए जरुरी है कि जनता का जो पुलिस पर जिस तरह का विश्वास है, उसका भ्रम भी दूर हो जाना चाहिए। वैसे तो पुलिस के आला-अधिकारी अक्सर यह रट्टा मारते रहते हंै कि पुलिस और जनता के बीच की दूरी को खत्म किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसे हालातों में तो ये महज एक दिखावा ही साबित हो रहा है।

शराब तश्करी और देर रात तक खुलेआम शराब की बिक्री के खिलाफ हमने जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक संतोष चालके से शिकायत की तो उनका जवाब बड़ा ही हैरतअंगेज था। उन्होंने कहा कि शराब बिक्री और तश्करी को रोकना हमारा काम नहीं है यह काम तो आबकारी पुलिस का होता है। अब सवाल ये बनता है कि क्या किसी संगीन अपराध को रोकने के लिए अलग-अलग पुलिस की जिम्मेदारी होती है। खुद पुलिस की नाक के नीचे हो रहे अपराध को रोकने के लिए किसी और पुलिस को अलग से नियुक्त करना पड़ेगा। सबसे गौरतलब बात तो ये भी है कि सीकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से ठीक 50 कदम की दूरी पर ही एक शराब की दूकान है वहां से भी पूरी रातभर शराब की बिक्री होती है। अभसोस की बात है कि जिले के सबसे बड़े अधिकारी के कार्यालय के पास से हो रहे इस संगीन अपराध को रोका नहीं जा सकता तो पुरे जिले की बात तो बहुत दूर की है।

बात सिर्फ शराब माफियाओं तक ही सिमित नहीं है बल्कि शहर की दुकानों और मकानों में भी सरेआम चोरियों की वारदातें हो रही है और पुलिस चोरों और बदमाशों को पकड़ने की बजाय उल्टा पीड़ित पक्ष से ही इस तरह के सवाल जवाब करती है कि वो सोचने पर मजबूर हो जाता है कि पुलिस मेरी मदद के लिए है या और ज्यादा परेशानी खड़ी करने के लिए।  पुलिस के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचने वाली जनता आपराधियों और बदमाशों से ज्यादा पुलिस से भयभीत हो जाती है। जनता के मन में अब यही एक सवाल टीस बनकर पीड़ा दे रहा है कि ये खाकी वर्दी वाली पुलिस हमारी रक्षक है या कुछ और। 

-शादाब सिद्दीकी

इस लेख पर अपने विचार व्यक्त करें...

Related Posts

वसुन्धरा जी! एक रिसर्जेंट पुराने उद्योगों के लिए भी

राजस्थान में औद्योगिक विकास के लिए नवम्बर 2015 में आयोजित होने वाले 'रिसर्जेंट राजस्थान' को भव्य रूप देने के लिए पिछले तीन माह से युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग,...

दिल्ली चुनाव परिणामों से राजस्थान में राजे राज को अभयदान

दिल्ली के चुनाव परिणामों से राजस्थान में भाजपा की वसुन्धरा राजे सरकार के समर्थकों को खुशियां मनानी चाहिये कि अगले दो साल तक राजस्थान में वसुन्धरा राजे ही मुख्यमंत्री रहेंगी। नरेन्द्र मोदी और अमित श...

पंचायतीराज चुनाव : शैक्षिक योग्यता लागू करने के मायने

सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी दूसरी पारी में ताबड़तोड़ निर्णय ले रही हैं, जिनमें अभिजात्य एवं सम्पन्न वर्ग की वर्चस्ववादी नीति का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई दे रहा है। 'सबका साथ, सबका विकास' का न...

Watch in VideoComments

Watch in Video

.
News
Related Videos
Health & Fitness
06:00
Yoga For Kidney Health _ Yoga postures for Kidney Health _ Yoga For Kidneys _ @VENTUNO YOGA
Yoga For Kidney Health _ Yoga postures for Kidney Health _ Yoga For Kidneys _ @VENTUNO YOGA
Health & Fitness
04:43
8 Best Yoga Poses for Fibromyalgia
8 Best Yoga Poses for Fibromyalgia
Health & Fitness
07:19
5 Yoga Poses to relieve heartburn | Yoga for acidity
5 Yoga Poses to relieve heartburn | Yoga for acidity
Health & Fitness
03:05
5 Yoga poses to work on your Shoulders | Asanas To Deal with Shoulder Pain | Basic Yoga Sequence
5 Yoga poses to work on your Shoulders | Asanas To Deal with Shoulder Pain | Basic Yoga Sequence

Comments




item