आसाराम ट्रस्ट का सरकारी जमीन पर कब्जा, सुनवाई आठ को
जयपुर। नाबालिग लड़की से यौन शोषण के आरोप में फंसे आसाराम के जयपुर के समीप गोनेर रोड स्थित ट्रस्ट की जमीन के मामले में सुनवाई जेडीए ट्रिब्...
जेडीए जोन 10 के उपायुक्त रामरतन शर्मा ने बताया कि जेडीए के क्षेत्राधिकार में आ रही जमीन से कब्जा हटाने के लिए आसाराम ट्रस्ट को धारा 72 को नोटिस दिया जा चुका है। जेडीए की करीब 10 बीघा जमीन है जिस पर ट्रस्ट ने अनाधिकृत कब्जा जमा रखा है।
इस मामले में जेडीए के कार्रवाई करने से पहले ट्रस्ट ने जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने ट्रस्ट को 25 अक्टूबर तक का समय देकर अपना पक्ष रखने और उसके बाद सुनवाई करने का समय दिया था। ट्रस्ट की ओर से 25 अक्टूबर को अपना पक्ष रखकर मामले पर बहस करने की मांग की है।
गौरतलब है कि जेडीए ने वर्ष 2005 में संत आसाराम ट्रस्ट को करीब 25 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की थी। इसके पेटे ट्रस्ट को जेडीए को करीब 8 करोड़ 45 लाख रुपए चुकाने थे। ट्रस्ट जमीन पर सामाजिक व धार्मिक काम करने का हवाला देते हुए राशि नहीं चुकाई और टोकन मनी पर जमीन आवंटन की मांग की।
इस पर जेडीए ने 23 नवंबर 2011 को जमीन आवंटन निरस्त कर दिया था। हालांकि अब तक यह जमीन ट्रस्ट के कब्जे में ही है और जेडीए ने आवंटन निरस्त करने के बाद इसे खाली करने के कोई प्रयास नहीं किए। जिन दानदाताओं ने आसाराम ट्रस्ट को 2.12 हैक्टेयर जमीन आश्रम बनने के लिए दी थी। उस मामले में दानदाताओं के रिश्तेदार भवानी सिंह ने आपत्ति उठाते हुए आठ नवंबर को सुनावाई में शामिल करने की मांग की है।
सिंह ने जेडीए उपायुक्त को पत्र देकर बताया कि जिस उदेश्य से यह जमीन दान दी गई अब उस जमीन का उपयोग उस उदेश्य से नहीं हो रहा। इससे परिवार के सदस्यों सहित अन्य सेवकों को लोगों को ठेस पहुंच रही है।