राजस्थान लोक सेवा आयोग का स्थापन दिवस समारोह सम्पन्न

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अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ललित के. पंवार ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग संवैधानिक दायित्वों का पूर्ण निष्ठा से पालन करते हुए नये आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग के अनुरूप राजस्थान लोक सेवा आयोग के मापदंड निर्धारित करते हुए पारदर्शिता व विश्वसनीयता को सर्वोपरी बनाए रखने की बात कही।

 पंवार आज जवाहर रंगमंच पर राजस्थान लोक सेवा आयोग के 66वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त 1949 को राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की अधिसूचना का प्रकाशन राजस्थान के राजपत्र में हुआ, इसके बाद यह पहला मौका है, जब आयोग अपना स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मना रहा है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने गत वर्षाें में कई महत्वपूर्ण आयाम स्थापित किए हैं। इस दौरान कुछ कमियां भी रही है, जिन्हें सम्मिलित प्रयासों से दूर किया जाएगा। राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली को आगामी 6 माह में संघ लोक सेवा आयोग के समकक्ष करते हुए पारदर्शिता व विश्वसनीयता के मापदण्ड को पूर्ण किया जाएगा, इस संबंध में उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा भी सहमति दे दी गई है।

पंवार ने कहा कि किसी भी संगठन का आईना उसका मुखपत्रा होता है, राजस्थान लोक सेवा आयोग के मुखपत्र ‘कसौटी राजस्थान’ का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ति पर प्रकाशन किया जाएगा। इसी दिन जयपुर में डीपीपी पीठ की स्थापना भी की जाएगी, जिससे विभिन्न विभागों  के अधिकारियों/कर्मचारियों की डीपीसी नियमित रूप से होगी व पदोन्नति तत्काल संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर टेबल-कुर्सी लगाने से पहले जैमर लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी जिससे पारदर्शिता व विश्वसनीयता कायम रहे।

उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता,गोपनीयता व सुरक्षा को सुदृढ करने हेतु आयोग में शीघ्र ही एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को चीफ विजिलेंस अधिकारी के पद पर नियुक्त करने की बात कही, जिसकी नियुक्ति एक माह के भीतर की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा समस्त परीक्षाएं आॅनलाईन करवाने की व्यवस्था की जाएगी एवं जहां तक संभव हो साक्षात्कार प्रक्रिया से बचा जाएगा जिससे किसी प्रकार की शिकायतें ना हो।

इस अवसर पर उन्होंने बीति ताहि बिसार कर, आगे की सुधि लेने की बात कहते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यकुशल सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को पुनः आयोग में बुलाकर उनकी सेवाएं लेकर नये आयाम स्थापित करने का भरोसा दिलाया।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव नरेश ठकराल ने 66 वर्षाें की आयोग की विकास यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग की स्थापना का उद्देश्य श्रेष्ठ व योग्य अभ्यर्थियों का साक्षात्कार व लिखित परीक्षाओं के माध्यम से चयन करना रहा है। वर्ष 1990 तक वर्णनात्मक प्रणाली से परीक्षाएं आयोजित होती रही इसके बाद वर्ष 1991-92 में आयोग के अध्यक्ष यतीन्द्र सिंह के कार्यकाल में वस्तुनिष्ठ प्रणाली को लागू किया गया।

इस अवसर पर उन्होंने ओएमआर शीट प्रणाली, आॅनलाईन आवेदन प्रक्रिया, आयोग की वेबसाईट एवं विविध सम्मान की जानकारी भी दी। राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य डाॅ. आर डी सैनी ने समारोह में कहा कि जो इतिहास से कट जाता है वो स्वतः ही समाप्त हो जाता है, अतः इतिहास से जुडा रहकर नई दिशा की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष ललित के. पंवार का स्थापना दिवस समारोह के आयोजन संबंधी नवाचार व कुशल नेतृत्व के लिए आभार प्रकट किया।
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