900 फीट गहरे बोरवेल में गिरी मासूम को बचाने के प्रयास जारी
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/10/try-to-save-the-life-of-baby-in-rajgarh-alwar.html
अलवर (राहुल बावलिया)। अलवर के राजगढ़ में मंगलवार शाम को घर के बाहर खेल रही छह वर्षीय बालिका करीब 900 सौ फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गई। जानकारी के अनुसार देर शाम तक जब बालिका अपने घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने आस-पास तलाश किया। बालिका के पैरो के निशान बोरवेल के पास मिलने पर उसमें गिरने की आशंका व्यक्त की गई।
थानाधिकारी राजीव राहाड़ ने बताया कि थाना इलाके में स्थित बैरेर गांव में रहने वाले मुकेश मीणा की छह वर्षीय पुत्री कोमल मंगलवार देर शाम को खेलने के लिए घर से निकली जो देर रात तक घर नहीं पहुंची। परिजनों के काफी तलाश करने पर कोई सुराग नहीं लगा। इस पर पास ही कुछ दूरी पर सात-आठ सौ फीट का एक नया बोरवेल खुदा था, जो खुला था। मासूम के इसी बोरवेल के गिरने की आशंका के चलते ग्रामीणों ने बचाव कार्य की शुरुवात की।
सूचना मिलने के बाद एडीएम हरभान मीणा, एएसपी सहित सिविल डिफेन्स की टीम मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य में जुट गई। पुलिस ने बताया कि देर रात को सिविल डिफेन्स टीम द्वारा स्थिति का पता लगाने के लिए किसी वस्तु को बोरवेल में डाला जो बच्ची के कपड़ों में जाकर फंस गई, जिससे पता चला कि बच्ची करीब 170 फीट के बीच फंसी हुई है।
सिविल डिफेन्स टीम ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से बालिका की स्थिति का पता लगाने की कोशिश की। जानकारी के अनुसार टीम द्वारा पानी डाल कर मिट्टी को हटाने का काम किया जा रहा है लेकिन इलाका पथरीला होने के कारण खुदाई करने में परेशानी आ रही है।वहीं आस-पास के ग्रामीण भी बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए सहयोग कर रहे हैं। कोमल के परिजनों का अचानक हुई इस घटना से बुरा हाल है। वहीं ग्रामीण परिवार को ढांढ़स बंधा रहे हैं।
बुधवार की सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम कोमल को सकुशल निकालने की तैयारी में जुट गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोमल बोरवेल में फसी रही। करीब 28 घंटे बीत जाने के बाद भी मासूम बालिका का जीवन बचाने के लिए प्रशाशन के आला अधिकारियों सहित पुलिस व ग्रामीण जुटे रहे।।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2006 में प्रिंस के बोरवेल में गिरने के बाद ऐसी घटनाएं आए दिन सुनने को मिलने लगी। अभी तक देश भर में 25 से ज्यादा ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें 20 से ज्यादा मासूमों को बचाया नहीं जा सका। जुलाई 2006 में अपने जन्मदिन के दिन कुरुक्षेत्र का 5 वर्षीय प्रिंस अपने घर के पास खुले एक 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। 40 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे निकाला जा सका।
थानाधिकारी राजीव राहाड़ ने बताया कि थाना इलाके में स्थित बैरेर गांव में रहने वाले मुकेश मीणा की छह वर्षीय पुत्री कोमल मंगलवार देर शाम को खेलने के लिए घर से निकली जो देर रात तक घर नहीं पहुंची। परिजनों के काफी तलाश करने पर कोई सुराग नहीं लगा। इस पर पास ही कुछ दूरी पर सात-आठ सौ फीट का एक नया बोरवेल खुदा था, जो खुला था। मासूम के इसी बोरवेल के गिरने की आशंका के चलते ग्रामीणों ने बचाव कार्य की शुरुवात की।
सूचना मिलने के बाद एडीएम हरभान मीणा, एएसपी सहित सिविल डिफेन्स की टीम मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य में जुट गई। पुलिस ने बताया कि देर रात को सिविल डिफेन्स टीम द्वारा स्थिति का पता लगाने के लिए किसी वस्तु को बोरवेल में डाला जो बच्ची के कपड़ों में जाकर फंस गई, जिससे पता चला कि बच्ची करीब 170 फीट के बीच फंसी हुई है।
सिविल डिफेन्स टीम ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से बालिका की स्थिति का पता लगाने की कोशिश की। जानकारी के अनुसार टीम द्वारा पानी डाल कर मिट्टी को हटाने का काम किया जा रहा है लेकिन इलाका पथरीला होने के कारण खुदाई करने में परेशानी आ रही है।वहीं आस-पास के ग्रामीण भी बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए सहयोग कर रहे हैं। कोमल के परिजनों का अचानक हुई इस घटना से बुरा हाल है। वहीं ग्रामीण परिवार को ढांढ़स बंधा रहे हैं।
बुधवार की सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम कोमल को सकुशल निकालने की तैयारी में जुट गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोमल बोरवेल में फसी रही। करीब 28 घंटे बीत जाने के बाद भी मासूम बालिका का जीवन बचाने के लिए प्रशाशन के आला अधिकारियों सहित पुलिस व ग्रामीण जुटे रहे।।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2006 में प्रिंस के बोरवेल में गिरने के बाद ऐसी घटनाएं आए दिन सुनने को मिलने लगी। अभी तक देश भर में 25 से ज्यादा ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें 20 से ज्यादा मासूमों को बचाया नहीं जा सका। जुलाई 2006 में अपने जन्मदिन के दिन कुरुक्षेत्र का 5 वर्षीय प्रिंस अपने घर के पास खुले एक 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। 40 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे निकाला जा सका।