इंसानियत हुई शर्मसार, पिता ने 10 -10 हजार रुपए में कर दिया बेटियों का सौदा…
रायपुर। मध्यप्रदेश के दतिया जिले का में इंसानियत को शर्मसार और सरकारी योजनाओं की पोल खोलता सामने आया है यहां गरीबी की वजह से एक व्यक्ति ...
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रायपुर। मध्यप्रदेश के दतिया जिले का में इंसानियत को शर्मसार और सरकारी योजनाओं की पोल खोलता सामने आया है यहां गरीबी की वजह से एक व्यक्ति ने अपनी दो बेटियों को 10-10 हजार रुपए में बेच दिया बेटियों के बेचने के बाद पिता गांव से गायब है मामला उजागर होने पर पुलिस पिता को तलाश रही है ।
एक महिला की मौत से पूरा परिवार बिखर गया दो बेटियों और एक बेटे के सिर से केवल मां का साया नहीं उठा, बल्कि हालात ऐसे बने कि पिता भी उनसे दूर हो गया गरीबी और बेबसी के चलते पिता ने दो नाबालिग बेटियों को बेच दिया ओर बेटे को लावारिस छोड़कर चला गया
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर बीकर गांव में रहने वाले रमेश अहिरवार की पत्नी का एक साल पहले निधन हो गया था पत्नी के निधन के बाद 6 और 13 साल की बेटियों के अलावा 10 साल के बेटे की परवरिश की पूरी जवाबदारी रमेश के कंधों पर आ गईं
गरीबी से जूझ रहे रमेश को बीमारी से पत्नी की मौत के बाद परेशानियों और चुनौतियों ने एक साथ घेर लिया रमेश के पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं था वह और पत्नी मेहनत-मजदूरी कर बच्चों की परवरिश कर रहे थे ऐसे में उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया
गांव में मजदूरी नहीं मिलने की वजह से रमेश के लिए अपनी बेटियों और एक बेटे को पालना मुश्किल हो गया
मजदूरी नही मिलने पर कंजरों के डेरों में किया काम
बताते हैं कि गांव में मजदूरी नहीं मिलने पर रमेश ने कंजरों के डेरों का रुख किया. वह कंजरों के डेरों में काम करने लगा था. कुछ समय बाद रमेश ने कंजरों के अलग-अलग डेरों में अपनी 6 और 13 साल की बेटियों को 10-10 हजार रुपए में बेच दिया. बेटियों का सौदा करने के बाद रमेश अपने 10 साल के बेटे को भी कंजरों के डेरे में छोड़कर गायब हो गया.
अपने भाई की मदद नही कर सके ,भाई भी थे मजबूर
रमेश के दो भाई भी उसके साथ ही गांव में रहते हैं. वह भी आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि अपने भाई की मदद कर सके. अब रमेश के गायब होने की जानकारी मिलने पर परिजन और पुलिस दोनों उसकी तलाश कर रही है. वहीं, प्रशासन मासूम बच्चों के पुनर्वास की बात कह रहा है.
एक महिला की मौत से पूरा परिवार बिखर गया दो बेटियों और एक बेटे के सिर से केवल मां का साया नहीं उठा, बल्कि हालात ऐसे बने कि पिता भी उनसे दूर हो गया गरीबी और बेबसी के चलते पिता ने दो नाबालिग बेटियों को बेच दिया ओर बेटे को लावारिस छोड़कर चला गया
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर बीकर गांव में रहने वाले रमेश अहिरवार की पत्नी का एक साल पहले निधन हो गया था पत्नी के निधन के बाद 6 और 13 साल की बेटियों के अलावा 10 साल के बेटे की परवरिश की पूरी जवाबदारी रमेश के कंधों पर आ गईं
गरीबी से जूझ रहे रमेश को बीमारी से पत्नी की मौत के बाद परेशानियों और चुनौतियों ने एक साथ घेर लिया रमेश के पास आय का कोई स्थायी साधन नहीं था वह और पत्नी मेहनत-मजदूरी कर बच्चों की परवरिश कर रहे थे ऐसे में उसके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया
गांव में मजदूरी नहीं मिलने की वजह से रमेश के लिए अपनी बेटियों और एक बेटे को पालना मुश्किल हो गया
मजदूरी नही मिलने पर कंजरों के डेरों में किया काम
बताते हैं कि गांव में मजदूरी नहीं मिलने पर रमेश ने कंजरों के डेरों का रुख किया. वह कंजरों के डेरों में काम करने लगा था. कुछ समय बाद रमेश ने कंजरों के अलग-अलग डेरों में अपनी 6 और 13 साल की बेटियों को 10-10 हजार रुपए में बेच दिया. बेटियों का सौदा करने के बाद रमेश अपने 10 साल के बेटे को भी कंजरों के डेरे में छोड़कर गायब हो गया.
रमेश के दो भाई भी उसके साथ ही गांव में रहते हैं. वह भी आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि अपने भाई की मदद कर सके. अब रमेश के गायब होने की जानकारी मिलने पर परिजन और पुलिस दोनों उसकी तलाश कर रही है. वहीं, प्रशासन मासूम बच्चों के पुनर्वास की बात कह रहा है.
