इस स्कूल में पिछले बारह सालों से चली आ रही राष्ट्रगान गाने पर पाबंदी
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नई दिल्ली। हमारे देश में राष्ट्रगान को लेकर भले की देशभर के लोगों में पूरी श्रद्धा और सम्मान हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक स्कूल ऐसी भी है, जहां राष्ट्रगान पर पाबंदी लगी हुई है। ये पाबंदी भी महज कुछ समय से नहीं, बल्कि पिछले करीब 12 सालों से लगी हुई है और तब से लेकर आज तक इस स्कूल में कभी भी राष्ट्रगान नहीं गाया जाता। स्कूल जैसी जगह जहां बच्चों को शिक्षा के साथ साथ देश के प्रति सम्मान भाव की सीख दी जाती है, वहीं पर राष्ट्रगान गाने पर पाबंदी होना अपने बाप में एक विचित्र बात है।
बताया जाता है कि इस स्कूल की स्थापना से लेकर आज तक भी इस स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी का तुगलकी फरमान जारी है। जानकारी के अनुसार इलाहाबाद के एम ए कान्वेन्ट स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है, क्योंकि स्कूल प्रशासन को राष्ट्रगान में आने वाले 'भारत भाग्य विधाता' वाक्य को लेकर आपत्ति है।
स्कूल प्रशासन का मानना है कि, 'लोग खुद अपने भाग्य का निर्धारण करते हैं, राष्ट्र किसी के भाग्य का निर्धारण नहीं करता।' लंबे समय से इस तुगलकी फरमान के साये में जी रहे स्कूल प्रिंसिपल और उसके साथ की आठ अध्यापिकाओं ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जैसे ही ये मामला वायरल हुआ तो प्रशासन ने मामले की जांच कर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
प्रिंसिपल के मुताबिक, वह स्कूल प्रबंधन के पास 15 अगस्त के दिन राष्ट्रगान, वंदे मातरम् गाने संबंधी समारोह आयोजित करने के लिए परमिशन लेने गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन स्कूल में तबसे नहीं हुआ, जब से स्कूल की स्थापना (शायद 15 साल से) हुई है। इस साल भी नहीं किया जाएगा।
वहीं स्कूल की अन्य अध्यापिकाओं का कहना है कि 15 अगस्त पर यहां प्रोग्राम होना था। हम लोगों ने कहा कि नेशनल एंथम होना है। इस पर उन्होंने कहा कि नेशनल एंथम आज तक हमारे यहां नहीं हुआ और अब भी नहीं होगा। इस बार जब 15 अगस्त पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनायी गयी तो उन्होंने राष्ट्रगान, राष्ट्रीय गीत और सरस्वती वंदना करने से मना कर दिया, जिससे नाराज होकर प्रधानाचार्या समेत आठ शिक्षिकाओं ने स्कूल छोड़ दिया है।
Allahabad | Uttar Pradesh | School | National Anthem | Bharat Bhagya Vidhata | M A convent school | राष्ट्रगान पर पाबंदी | इलाहाबाद | एम ए कान्वेन्ट स्कूल | भारत भाग्य विधाता
बताया जाता है कि इस स्कूल की स्थापना से लेकर आज तक भी इस स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी का तुगलकी फरमान जारी है। जानकारी के अनुसार इलाहाबाद के एम ए कान्वेन्ट स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है, क्योंकि स्कूल प्रशासन को राष्ट्रगान में आने वाले 'भारत भाग्य विधाता' वाक्य को लेकर आपत्ति है।
स्कूल प्रशासन का मानना है कि, 'लोग खुद अपने भाग्य का निर्धारण करते हैं, राष्ट्र किसी के भाग्य का निर्धारण नहीं करता।' लंबे समय से इस तुगलकी फरमान के साये में जी रहे स्कूल प्रिंसिपल और उसके साथ की आठ अध्यापिकाओं ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जैसे ही ये मामला वायरल हुआ तो प्रशासन ने मामले की जांच कर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
प्रिंसिपल के मुताबिक, वह स्कूल प्रबंधन के पास 15 अगस्त के दिन राष्ट्रगान, वंदे मातरम् गाने संबंधी समारोह आयोजित करने के लिए परमिशन लेने गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन स्कूल में तबसे नहीं हुआ, जब से स्कूल की स्थापना (शायद 15 साल से) हुई है। इस साल भी नहीं किया जाएगा।
वहीं स्कूल की अन्य अध्यापिकाओं का कहना है कि 15 अगस्त पर यहां प्रोग्राम होना था। हम लोगों ने कहा कि नेशनल एंथम होना है। इस पर उन्होंने कहा कि नेशनल एंथम आज तक हमारे यहां नहीं हुआ और अब भी नहीं होगा। इस बार जब 15 अगस्त पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनायी गयी तो उन्होंने राष्ट्रगान, राष्ट्रीय गीत और सरस्वती वंदना करने से मना कर दिया, जिससे नाराज होकर प्रधानाचार्या समेत आठ शिक्षिकाओं ने स्कूल छोड़ दिया है।
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