ध्यान को जीवन का अंग बनायें : हेड़ा
अजमेर। अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा ने कहा कि ध्यान को जीवन का अंग बनाया जाना आवश्यक है। ध्यान और योग के समय आरक्षित करन...
हेड़ा ने कहा कि जीवन शैली में परिवर्तन के कारण तनाव बढ़ा है। रात्रि को देरी तक कार्य करना तथा प्रातः देरी से उठने के कारण प्रकृति विरूद्ध विहार हुआ है। इसका निदान ध्यान और योग में निहित है। इससे दिल-दिमाग तथा मेधा विकसित होती है। उन्होंने उपस्थित जन समूह को नियमित ध्यान करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
हार्टफुलनेस आॅरगेनाईजेशन के केन्द्र समन्वयक भगवान सहाय शर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान जीवन शैली से समझ, विचार, पसन्द, दृष्टिकोण, अपेक्षा तथा जीवन के स्तर पर जटिलताएं बढ़ी है। इन्हें कम करने के लिए ध्यान आवश्यक है। हार्टफलनेस के प्राकृतिक सहज मार्ग पद्धति से ध्यान करने से हृदय में प्रफ्फुल्लता भर जाती है और प्राकृतिक शान्ति की अवस्था प्राप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी आत्मा-अन्तःकरण चेतना और विचार को नियंत्रित करती है। इस पद्धति में यौगिक प्राणाहुति प्राप्त करने के लिए मेरे हृदय के ईश्वरीय प्रकाश विद्यमान होने का विचार लेकर ध्यान में बैठता है।