सिंहस्थ मेले में फिर उखड़े तम्बू, 7 श्रद्धालु घायल, क्षिप्रा नदी में घुला सीवर का पानी
https://khabarrn1.blogspot.com/2016/05/tents-disintegrate-due-to-dust-storm-and-heavy-rains-in-Ujjain-96477.html
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले में आज एक बार फिर से मौसम का मिजाज बिगड़ गया और इसके चलते अचानक तेज बारिश और आंधी से मंगल नाथ, मुल्लापुर इलाके में कुछ पंडाल और पेड़ गिर गए। इस दौरान अफरातफरी का माहौल बन गया, जबकि सिंहस्थ में शामिल सात श्रद्धालु घायल हो गए। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
बताया जा रहा है कि घायलों में 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं आयोजन स्थल पर जगह-जगह कीचड़ भर गया है। मौसम के रुख के कारण उज्जैन में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक व्यक्ति के मौत की भी बात कही जा रही है।
एक ओर जहां बारिश और आंधी से पंडाल गिरे हैं, वहीं रामघाट क्षेत्र में सीवर लाइन फूट जाने से गटर का गंदा पानी सीधे क्षिप्रा नदी में पहुंच रहा है। इसे लेकर रामघाट पर मौजूद श्रद्धालु और साधु-संतों ने सीवर का गंदा पानी नदी में जाने पर रोष जाहिर किया। रामघाट पर मौजूद साधुओं का कहना है कि तीन दिन पहले भी सीवर लाइन फूटी थी और आज शाही स्नान के दिन कुछ देर की बारिश में फिर सीवर लाइन फूट गई है। क्षिप्रा का पानी इस गंदगी के कारण बदबू मार रहा है और उसमें स्नान करना मुश्किल हो गया है।
सिंहस्थ मेले में आज दूसरा शाही स्नान था, जो आज तड़के शुरू हुआ। इसके बाद मौसम का मिजाज दोपहर करीब 3 बजे बिगड़ना शुरू हुआ। तेज बारिश और ओलों से बचने की लिए शाही स्नान में शामिल होने आए श्रद्धालुओं की भीड़ आसरे के लिए इधर-उधर भागती नजर आने लगी।
गौरतलब है कि चार दिन पहले ऐसे ही प्रतिकूल मौसम के कारण यहां मची अफरा-तफरी से सात लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गये थे। इसके बाद मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही सोमवार को भारी बारिश और आंधी चलने की चेतावनी जारी की थी। चेतावनी के बावजूद प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम नहीं उठाए गए, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
बताया जा रहा है कि घायलों में 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं आयोजन स्थल पर जगह-जगह कीचड़ भर गया है। मौसम के रुख के कारण उज्जैन में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक व्यक्ति के मौत की भी बात कही जा रही है।
एक ओर जहां बारिश और आंधी से पंडाल गिरे हैं, वहीं रामघाट क्षेत्र में सीवर लाइन फूट जाने से गटर का गंदा पानी सीधे क्षिप्रा नदी में पहुंच रहा है। इसे लेकर रामघाट पर मौजूद श्रद्धालु और साधु-संतों ने सीवर का गंदा पानी नदी में जाने पर रोष जाहिर किया। रामघाट पर मौजूद साधुओं का कहना है कि तीन दिन पहले भी सीवर लाइन फूटी थी और आज शाही स्नान के दिन कुछ देर की बारिश में फिर सीवर लाइन फूट गई है। क्षिप्रा का पानी इस गंदगी के कारण बदबू मार रहा है और उसमें स्नान करना मुश्किल हो गया है।
सिंहस्थ मेले में आज दूसरा शाही स्नान था, जो आज तड़के शुरू हुआ। इसके बाद मौसम का मिजाज दोपहर करीब 3 बजे बिगड़ना शुरू हुआ। तेज बारिश और ओलों से बचने की लिए शाही स्नान में शामिल होने आए श्रद्धालुओं की भीड़ आसरे के लिए इधर-उधर भागती नजर आने लगी।
गौरतलब है कि चार दिन पहले ऐसे ही प्रतिकूल मौसम के कारण यहां मची अफरा-तफरी से सात लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गये थे। इसके बाद मौसम विभाग ने तीन दिन पहले ही सोमवार को भारी बारिश और आंधी चलने की चेतावनी जारी की थी। चेतावनी के बावजूद प्रशासन की ओर से एहतियाती कदम नहीं उठाए गए, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।