राज्य बजट में स्थानीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता : राजे
मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का आह्वान किया कि वे जल स्वावलम्बन अभियान में व्यक्तिगत रूचि लेकर भागीदारी निभाएं एवं इसे आमजन का अभियान बनाएं। बैठक में नागौर जिला कलक्टर राजन विशाल ने बताया कि उनके जिले में अभियान में सहयोग करने वालों को ‘जल भागीरथ’ के रूप में सम्मानित कर प्रशस्ति-पत्र देने की पहल की गई है।
राजे ने इसे अच्छा प्रयास बताते हुए कहा कि ऐसा अन्य जिलों में भी किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को जन आन्दोलन बनाने के लिए जिला, तहसील एवं गांव स्तर पर विकास समितियां बनाने के निर्देश दिए।
राजे ने कहा कि जल स्वावलम्बन अभियान में वित्तीय सहयोग के साथ ही शारीरिक श्रम, जागरूकता एवं संसाधन उपलब्ध कराकर मदद की जा सकती है। प्रत्येक वर्ग इसमें सहयोग करे। यह अभियान राजस्थान को जल के क्षेत्रा में स्वावलम्बी बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण अभियान है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विकास योजनाएं समय पर पूरी हों, ताकि आमजन को उनका समुचित लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं में देरी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
बजट पर चर्चा के दौरान राजे ने अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर एवं टोंक जिलों के जनप्रतिनिधियों के साथ प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने जिला एवं विधानसभा क्षेत्रावार सुझाव लिए।
बैठक में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्यमंत्री सांवरलाल जाट, नागौर के प्रभारी एवं सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनूस खान, अजमेर के प्रभारी एवं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, भीलवाड़ा जिले की प्रभारी मंत्री अनिता भदेल, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।