धरती पर दूसरा भगवान है चिकित्सक : राजेन्द्र राठौड़
इससे जवाहर लाल नेहरू संलग्न चिकित्सालय संघ में ओडिटोरियम निर्माण के लिए 9 करोड़ 75 लाख, सिवरेज लाईन दुरूस्तीकरण के लिए एक करोड़ 50 लाख, ओपीडी और लैब के आधुनिकरण के लिए 7 करोड़ 50 लाख रूपए की के कार्य होंगे। उन्होंने पार्किंग विकसित करने के लिए 3 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाने के लिए पूरजोर कोशिश करने की भी बात कही।
स्वर्ण जयन्ती समारोह में चिकित्सा मंत्री राठौड़ ने अपने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन में कहा कि चिकित्सक दूसरा भगवान है जो मानव को राहत पहुंचाता है। चिकित्सक सबके लिए विश्वास का केन्द्र है उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्राचायों के प्रति आदर और अपनत्व का भाव इनके द्वारा विद्यार्थियों पर की गई तपस्या के कारण है। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 3 हजार मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। राज्य सरकार सम्पूर्ण राजस्थान को आरोग्य करना चाहती है जिसके परिणाम भी नजर आने लगे है। राज्य सरकार द्वारा 139 करोड़ के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गए है। जिनके प्राप्त होने पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भौतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी। मानवीय संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में चिकित्सा शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सरकार को एक चिकित्सक तैयार करने में लगभग 25 लाख रूपए व्यय करने पड़ते है। प्रशिक्षण उपरान्त चिकित्सक सेवा कर्म से विमुख हो जाते है अतः सरकार को मजबूरन 5 वर्ष का बाॅण्ड भरवाया जा रहा है। सरकारी क्षेत्रा में सेवा नहीं देने पर चिकित्सा स्नात्तक को 25 लाख और चिकित्सा अधिस्नात्तक को 50 लाख रूपए राजकोष में जमा कराने होंगे।
समारोह में राठौड़ ने गरीब आदमी को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने का वादा दौहराया और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से निजी अस्पतालों की सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाने के लिए सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को मील का पत्थर बताया। उन्होंने आरोग्य राजस्थान योजना के द्वारा समस्त नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी डाटा तैयार करके उपचार उचित चिकित्सालयों एवं विशेषज्ञों से करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर चिकित्सा क्षेत्रा के लिए चुनौतियां है। जिनसे पार पाने के लिए इन्द्रधनुष, पेन्टावेलेन्ट तथा एमटीसी आरम्भ किए गए है।
केन्द्रीय जलसंसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान से निकले चिकित्सकों ने देश ही नहीं विश्व में भी अपना परचम फहराया है। सरकार की नीतियों के कारण आम आदमी तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंची है। आधुनिक जीवनशैली और खान-पान के कारण बीमारियां बढ़ रही है। चिकित्सक का मधुर व्यवहार मरीज को दवा से ज्यादा लाभ पहुंचाता है। शारीरिक श्रम करने तथा खेलने कूदने से हम स्वस्थ ही नहीं रहेंगे अपितू अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में अव्वल आएंगे।
जिले के प्रभारी मंत्री एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय से निकले चिकित्सकों द्वारा निकटवर्ती जिलों के लगभग एक करोड़ व्यक्तियों का ईलाज किया जा रहा है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय को पैसेन्ट फ्रेन्डली बनाने के लिए गेल द्वारा केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्राी के सहयोग से एक करोड़ 85 लाख रूपए प्रदान करने की स्वीकृति मिली है। इससे अस्पताल में अवसंरचनाएं विकसित की जाएगी। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में नगर निगम द्वारा रैनबसेरा बनाने के लिए भी घोषणा की।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि बालक एक सपना देखता है और शिक्षक उसे साकार करते है। शिक्षक चिकित्सक चिकित्सा के चुनौती पूर्ण सेवा कार्य के लिए चिकित्सक गढ़ते है। समारोह में पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत,किशनगढ़ विधायक भागीरथ चौधरी, ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत, नगर निगम के महापौर धर्मेन्द्र गहलोत जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के.सी.अग्रवाल, उदयपरु मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. पी.पी सिंह एवं कोटा मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. गिरीश वर्मा भी उपस्थित थे।