चारदीवारी में ऐतिहासिक इमारतें कैसे बनेगी स्मार्ट
इन्ही इलाकों में सबसे प्रमुख है जयपुर की पहचान माने जाने वाला चारदीवारी इलाका, जहां किसी स्मार्ट सिटी के जरूरी सुविधाएं एवं अन्य जरूरतें उपलब्ध करा पाना एक चुनौती माना जा रहा है।
शहर के प्रथम नागरिक कहे जाने वाले महापौर इससे बेहद खुश है। उनका साफ तौर पर ये कहना है कि इससे शहर के विकास को पंख लगेंगे और विकास की उड़ान और तेजी से चलेगी। जयपुर के प्रथम महापौर और वर्तमान में किशनपोल विधायक मोहनलाल गुप्ता का मानना है कि शहर के स्मार्ट होने से यहां सूचना-प्रोद्योगिकी के साधन भी स्मार्ट होंगे और आधुनिकता की दिशा में जयपुर बहुत आगे बढ़ेगा।
वहीं दूसरी ओर जयपुर की धरोहर माने जाने वाले परकोटे को स्मार्ट सिटी के अनुरूप बनना एवं यहां समस्याए दूर करना भी बहुत बड़ी चुनौती है। हालांकि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भारत सरकार जयपुर को एक बड़ा बजट देगी, लेकिन यहां काम प्रशासन को ही कराना होगा, जो कि प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती के समान है।
शहर की ऐतिहासिक पहचान माने जाने वाले परकोटे में बनी कई ऐतिहासिक इमारतों को स्मार्ट सिटी के अनुरूप बनाना और परकोटे में नजर आने वाली विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए नगर निगम प्रशासन को कड़ी मशक्कत करना पड़ेगी।