'बरगद' के नीचे गढ़ी गई थी बीएसई की कहानी

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यूं तो अक्सर बरगद के पेड़ का ध्यान आते ही कहीं ना कहीं भूतों की कहानियों का भी जिक्र जरूर आ ही जाता है, क्योंकि अपने देश में बरगद के पेड़ को अक्सर भूतों की कहानियों से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि उसी बरगद के पेड़ से भूतों की कहावतों के अलावा एक ऐसी बात भी जुड़ी हुई है, जो भारत के आर्थिक विकास में आज एक मजबूत स्तंभ साबित हो रहा है और देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी भागीदारी निभा रहा है।

दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के बारे में, जिसे बीएसई के नाम से भी पहचाना जाता है। बताया जाता है कि बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना का श्रेय जिन चार गुजराती और एक पारसी ब्रोकर को जाता है, वह अपनी बातचीत के लिए अक्सर एक बरगद के पेड़ को ही अपना ठिया बनाया करते थे। बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठकर ही ये चार-पांच लोग मिलकर शेयर बाजार चलाया करते थे। अपने कारोबार के सिलसिले में वे मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल दर साल बढ़ रही थी।

सन 1875 में इन लोगों ने अपनी एक एसोसिएशन बना ली थी। उस समय इस एसोसिएशन का नाम रखा था 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक एसोसिएशन'। इसके बाद अपने ऑफिस के लिए एक कमरे की जरूरत पडऩे लगी, जिस पर उन्होंने मुंबई के दलाल पथ पर एक कमरा लिया था। इसे ही आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है, जो आज देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में अपनी अहम भागीदारी अदा कर रहा है। हालांकि इसके अतिरिक्त देश के प्रसिद्ध एक्सचेंज और भी हैं, जिनके समेत इनकी कुल तादाद तीन है।

देश के तीन एक्सचेज इस प्रकार है...

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) एक ठोस नेटवर्क के साथ देश में अब तक का सबसे बड़ा शेयर बाजार है। एनएसई देश के शीर्ष घरेलू संस्थानों द्वारा स्थापित किया गया था। एनएसई देशभर के लगभग हर शहर में लीज्ड लाइनों और वीसैट के माध्यम से फैला हुआ है। यह अपने आप में एक बहुत ही विशाल नेटवर्क है। कोई भी इस एक्सचेंज के माध्यम से फ्यूचर एवं इक्विटी शेयर्स का व्यापार कर सकता है। एनएसई, जो भारत के नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी बनाने में अग्रणी था, उसने इलेक्ट्रॉनिक शेयर प्रमाण-पत्र का सृजन कर के भौतिक प्रमाण-पत्र का सफाया कर दिया है। 2004 में परिचालन शुरू करने के बाद, एनएसई नें निवेशकों की लागत को कम कर पारदर्शिता लाने में, डीमैट बनाने, और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग करने की प्रणाली में क्रांति ला दी है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज : बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 1875 में स्थापित देश का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। यह देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज था, परन्तु पिछले कुछ वर्षों में यह एनएसई से पिछड़ गया है। बीएसई में तकरीबन 5500 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। दुनिया की किसी भी एक्सचेंज में इतनी अधिक कंपनियां सूचीबद्ध नहीं हैं। वर्ष दर वर्ष बीएसई ने स्वयं को बदलाव के लिए व्यवस्थित कर यह सुनिश्चित किया कि वह एनएसई के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके। बीएसई समाशोधन, बंदोबस्त, शिक्षा और बाजार डाटा सेवाओं जैसी अन्य सेवाएं भी उपलब्ध करवाती है।

एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज : एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज देश के नवीनतम शेयर बाजार है, जिसकी स्थापना कुछ साल पहले की गई थी। यह एक वस्तु आधारित शेयर बाजार एमसीएक्स का प्रयास है। इसे अभी एनएसई और बीएसई जैसे दिग्गजों के समकक्ष पहुंचे में समय लगेगा।


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