नए प्रोड्क्ट मिक्स से जुड़े तथ्यों पर महिंद्रा वर्ल्ड सिटी ने दिया स्पष्टीकरण
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/mahindra-world-city-given-clarification.html
जयपुर। महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर ने अपने नए प्रोड्क्ट मिक्स (उत्पाद मिश्रण) से जुडे तथ्यों पर स्पष्टीकरण दिया है, जिसमे कहा है कि महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर विनिर्माण और सेवा केंद्रित एक औद्योगिक पार्क के निर्माण के माध्यम से राजस्थान में औद्योगिकीकरण और रोजगार बढ़ाने के इरादे के साथ स्थापित किया गया था। यह औद्योगिक पार्क के साथ एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) और घरेलू टैरिफ एरिया (डीटीए) और आवासीय और सामाजिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से निर्यात और घरेलू बाजार को लक्षित कंपनियों की जरूरत को पूरा करता है।
महिंद्रा वर्ल्ड सिटी का कहना है कि मूल योजना के अनुसार, 3000 एकड़ वाला एमडब्लूसीजे मेँ एक मल्टी प्रोडक्ट (बहु उत्पाद) सेज और एक डीटीए का समावेश किया जाना था। कुल औद्योगिक क्षेत्र 2000 एकड़ (एसईजेड में 1500 एकड़ जमीन और डीटीए में 500 एकड़) था, बाकी का बैलेंस एरिया सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और आवासीय क्षेत्र जैसे कि स्कूल, अस्पताल, खेल सुविधाओं, स्वास्थ्य क्लब, रेस्तरां, होटल, मनोरंजन सुविधाओं के लिए तय था।
कंपनी के अनुसार, महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर ने राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) से अपने उत्पाद मिश्रण को संशोधित करने के लिए एक प्रस्ताव नवंबर 2014 में दिया। प्रस्ताव का मुख्य जोर घरेलू टैरिफ एरिया में 500 एकड़ से 1000 एकड जमीन वृद्धि के जरिए विनिर्माण के लिए भू क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर था ताकि राजस्थान में रोजगार, औद्योगीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ाया जा सके।
महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर के लिए कुल आवंटित भूमि में कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रस्ताव केवल मौजूदा भूमि आवंटन के भीतर उत्पाद मिश्रण में बदलाव के लिए था और इस उद्देश्य के लिए कोई भी अतिरिक्त भूमि न तो आवंटित की गई और न ही लीज पर दिया गया था। यह प्रस्ताव एक बहु उत्पाद सेज की 1500 एकड़ जमीन और डीटीए की 1000 एकड़ जमीन को शामिल कर के मौजूदा 2000 एकड वाले औद्योगिक क्षेत्र को 2500 एकड़ वाला बना देगा।
महिंद्रा ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि, महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर ने वितीय वर्ष 2013 मेँ भूमि समीपता प्राप्त करने के बाद ही अपनी डीटीए का एक महत्वपूर्ण हिस्सा को लांच किया। तब से, इसने जेसीबी इंडिया लिमिटेड, पेर्टो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचटी मीडिया, स्विस स्किल डेवलपमेंट सेंटर, टीटीके और रेक्साम जैसी कंपनियों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली, जिन्हेँ डीटीए मेँ औद्योगिक जमीन लीज पर मिली। वास्तव में, डीटीए में 90 फीसदी लीजेबल जमीन पहले से ही डीटीए मेँ पट्टे पर दी जा चुकी थी।
डीटीए में जिन 22 कंपनियों को पट्टे पर जमीन मिली है, वे 1000 करोड रुपये से अधिक निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। माल और सेवाओं की घरेलू खपत व मांग का दोहन करने व निवेश करने के लिए डीटीए औद्योगिक भूमि की मांग लगातार बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कंपनियों द्वारा बढती जा रही है। इसलिए हम उत्पाद मिश्रण को संशोधित करने के लिए हमने यह अनुरोध किया।
महिंद्रा वर्ल्ड सिटी का कहना है कि मूल योजना के अनुसार, 3000 एकड़ वाला एमडब्लूसीजे मेँ एक मल्टी प्रोडक्ट (बहु उत्पाद) सेज और एक डीटीए का समावेश किया जाना था। कुल औद्योगिक क्षेत्र 2000 एकड़ (एसईजेड में 1500 एकड़ जमीन और डीटीए में 500 एकड़) था, बाकी का बैलेंस एरिया सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और आवासीय क्षेत्र जैसे कि स्कूल, अस्पताल, खेल सुविधाओं, स्वास्थ्य क्लब, रेस्तरां, होटल, मनोरंजन सुविधाओं के लिए तय था।
कंपनी के अनुसार, महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर ने राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) से अपने उत्पाद मिश्रण को संशोधित करने के लिए एक प्रस्ताव नवंबर 2014 में दिया। प्रस्ताव का मुख्य जोर घरेलू टैरिफ एरिया में 500 एकड़ से 1000 एकड जमीन वृद्धि के जरिए विनिर्माण के लिए भू क्षेत्रफल बढ़ाने को लेकर था ताकि राजस्थान में रोजगार, औद्योगीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ाया जा सके।
महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर के लिए कुल आवंटित भूमि में कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रस्ताव केवल मौजूदा भूमि आवंटन के भीतर उत्पाद मिश्रण में बदलाव के लिए था और इस उद्देश्य के लिए कोई भी अतिरिक्त भूमि न तो आवंटित की गई और न ही लीज पर दिया गया था। यह प्रस्ताव एक बहु उत्पाद सेज की 1500 एकड़ जमीन और डीटीए की 1000 एकड़ जमीन को शामिल कर के मौजूदा 2000 एकड वाले औद्योगिक क्षेत्र को 2500 एकड़ वाला बना देगा।
महिंद्रा ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि, महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर ने वितीय वर्ष 2013 मेँ भूमि समीपता प्राप्त करने के बाद ही अपनी डीटीए का एक महत्वपूर्ण हिस्सा को लांच किया। तब से, इसने जेसीबी इंडिया लिमिटेड, पेर्टो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचटी मीडिया, स्विस स्किल डेवलपमेंट सेंटर, टीटीके और रेक्साम जैसी कंपनियों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली, जिन्हेँ डीटीए मेँ औद्योगिक जमीन लीज पर मिली। वास्तव में, डीटीए में 90 फीसदी लीजेबल जमीन पहले से ही डीटीए मेँ पट्टे पर दी जा चुकी थी।
डीटीए में जिन 22 कंपनियों को पट्टे पर जमीन मिली है, वे 1000 करोड रुपये से अधिक निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। माल और सेवाओं की घरेलू खपत व मांग का दोहन करने व निवेश करने के लिए डीटीए औद्योगिक भूमि की मांग लगातार बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कंपनियों द्वारा बढती जा रही है। इसलिए हम उत्पाद मिश्रण को संशोधित करने के लिए हमने यह अनुरोध किया।