बढ़ती जनसंख्या मानव समुदाय के समक्ष बड़ी चुनौती
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/growing-population-is-major-challenge.html
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या मानव समुदाय के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के साथ ही मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हाई रिस्क प्रिगनेन्सी को चिन्हित कर उनका समुचित प्रबन्धन करने के लिए ‘कुशल मंगल कार्यक्रम’ का शुभारम्भ किया गया है।
राठौड़ विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर हरिश्चंद माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह एवं परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार वितरण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व जनसंख्या दिवस समारोह एवं 24 जुलाई तक चलने वाले जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का शुभारम्भ किया। उन्होंने कुशल मंगल कार्यक्रम के लोगो, पंजिका एवं निर्देशिका का अनावरण कर कुशल मंगल कार्यक्रम की शुरूआत की।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्युदर में प्रभावी कमी लाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या रोकने, मातृ मृत्यु की सामाजिक समीक्षा करने एवं आशा साॅफ्ट जैसी अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने एवं संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना एवं राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की क्रियान्वित की जा रही है।
राठौड़ ने बताया कि 27 जून से 10 जुलाई तक ‘मोबिलाईजेशन पखवाड़ा’ आयोजित कर योग्य दम्पतियों में सीमित परिवार व बच्चों में अन्तराल रखने के प्रति जनजागृति करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इसके साथ ही 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का आयोजन कर ‘दो बच्चों में तीन साल का अंतर’ का संदेश गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पहुंचाया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 से 2001 के दशक में राजस्थान की जनसंख्या वृद्धि की दर 28.41 प्रतिशत व वर्ष 2001 से 2011 के दशक में यह 21.44 प्रतिशत रही।
राठौड़ विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर हरिश्चंद माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह एवं परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार वितरण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व जनसंख्या दिवस समारोह एवं 24 जुलाई तक चलने वाले जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का शुभारम्भ किया। उन्होंने कुशल मंगल कार्यक्रम के लोगो, पंजिका एवं निर्देशिका का अनावरण कर कुशल मंगल कार्यक्रम की शुरूआत की।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्युदर में प्रभावी कमी लाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या रोकने, मातृ मृत्यु की सामाजिक समीक्षा करने एवं आशा साॅफ्ट जैसी अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। मातृ व शिशु मृत्युदर में कमी लाने एवं संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना एवं राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की क्रियान्वित की जा रही है।
राठौड़ ने बताया कि 27 जून से 10 जुलाई तक ‘मोबिलाईजेशन पखवाड़ा’ आयोजित कर योग्य दम्पतियों में सीमित परिवार व बच्चों में अन्तराल रखने के प्रति जनजागृति करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इसके साथ ही 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का आयोजन कर ‘दो बच्चों में तीन साल का अंतर’ का संदेश गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी तक पहुंचाया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 1991 से 2001 के दशक में राजस्थान की जनसंख्या वृद्धि की दर 28.41 प्रतिशत व वर्ष 2001 से 2011 के दशक में यह 21.44 प्रतिशत रही।
