स्वच्छ भारत अभियान को धत्ता बता रही फूल मंडी
https://khabarrn1.blogspot.com/2015/07/flower-market-saying-no-to-clean-india-campaign.html
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का एक ओर जहां देशभर में काफी संजीदगी से अनुसरण किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह अभियान अब धीरे-धीरे दम तोड़ती हुई नजर आने लगी है और स्वच्छता की जगह पर अब गंदगी एवं कचरे के ढेर दिखाई देने लगे हैं। राजधानी जयपुर के कई इलाकों में भी कमोबेश यही हाल है, जो जयपुर को स्मार्टसिटी की बनाने की राह में रोड़े के समान साबित हो सकते हैं।
गुलाबी नगरी के रूप में विश्वविख्यात जयपुर अब अपना रंग खोने लगी है। यहां चारदीवारी क्षेत्र में लगने वाली फूल मंडी और इसके आस-पास के इलाके के लोग स्वछता अभियान के प्रति कितना जागरूक है, इसका अंदाजा यहां फैले कचरे को देखकर लगाया जा सकता है। यहां लगे फूलों और कचरे का ढेर सुबह 11 बजे तक भी नहीं उठ पाते हैं, जिनसे आस-पास रहने वाले आमजन को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
खास बात यह है कि इस स्थान पर कचरा कोई बाहर से आने वाले लोग नहीं फेंकते हैं, बल्कि मंडी में लगी फूलो की दुकानों का ही कचरा है, जो दुकानदार खुद ही सड़े हुए फूलों को फेंक देते हैं, जिस कारण लगातार कचरा बढ़ता जाता है। इस पर भी मंडी में मौजूद आवारा पशु इस कचरे को और फैला देते हैं।
हालांकि, वहां के दुकानदार इस बात से भलीभांति परिचित है कि कचरा फैलने से सभी को ही परेशानी होती है। इसके बावजूद दुकानदार कचरा फैंकने से बाज नहीं आते हैं। मंडी में फैला फूलों का ढेर देखकर ऐसे लगता है कि जो लोग स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत के समय इस अभियान से जुड़कर लोगों को जागरूकता का संदेश देते थे, वही इस अभियान को कमजोर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे हों।
फूल मंडी से मात्र कुछ दूरी पर ही शहर के दो प्रसिद्ध स्थल हवामहल और गोविंदेवजी मंदिर पड़ता है, जहां आए दिन भारी सं या में पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं, जो यहां लगे गंदगी के ढेरों से आने वाली बदबू की वजह से अपने नाक-मुंह सिकौड़ते नजर आते हैं। इसके कारण बाहर से आने वाले पर्यटक आने साथ विश्वविख्यात शहर जयपुर के बारे में अपने साथ कैसा अनुभव लेकर जाते हैं, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि मेट्रो सिटी के बाद अब स्मार्ट सिटी बनने वाला शहर जयपुर कितना साफ-सुथरा एवं स्मार्ट है। इतने पर भी स्थानीय दुकानदार एवं निवासी सफाई को लेकर अनिश्चित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी स्वच्छ भारत अभियान के प्रति कितना जागरूक हैं।
गुलाबी नगरी के रूप में विश्वविख्यात जयपुर अब अपना रंग खोने लगी है। यहां चारदीवारी क्षेत्र में लगने वाली फूल मंडी और इसके आस-पास के इलाके के लोग स्वछता अभियान के प्रति कितना जागरूक है, इसका अंदाजा यहां फैले कचरे को देखकर लगाया जा सकता है। यहां लगे फूलों और कचरे का ढेर सुबह 11 बजे तक भी नहीं उठ पाते हैं, जिनसे आस-पास रहने वाले आमजन को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
खास बात यह है कि इस स्थान पर कचरा कोई बाहर से आने वाले लोग नहीं फेंकते हैं, बल्कि मंडी में लगी फूलो की दुकानों का ही कचरा है, जो दुकानदार खुद ही सड़े हुए फूलों को फेंक देते हैं, जिस कारण लगातार कचरा बढ़ता जाता है। इस पर भी मंडी में मौजूद आवारा पशु इस कचरे को और फैला देते हैं।
हालांकि, वहां के दुकानदार इस बात से भलीभांति परिचित है कि कचरा फैलने से सभी को ही परेशानी होती है। इसके बावजूद दुकानदार कचरा फैंकने से बाज नहीं आते हैं। मंडी में फैला फूलों का ढेर देखकर ऐसे लगता है कि जो लोग स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत के समय इस अभियान से जुड़कर लोगों को जागरूकता का संदेश देते थे, वही इस अभियान को कमजोर बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे हों।
फूल मंडी से मात्र कुछ दूरी पर ही शहर के दो प्रसिद्ध स्थल हवामहल और गोविंदेवजी मंदिर पड़ता है, जहां आए दिन भारी सं या में पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं, जो यहां लगे गंदगी के ढेरों से आने वाली बदबू की वजह से अपने नाक-मुंह सिकौड़ते नजर आते हैं। इसके कारण बाहर से आने वाले पर्यटक आने साथ विश्वविख्यात शहर जयपुर के बारे में अपने साथ कैसा अनुभव लेकर जाते हैं, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि मेट्रो सिटी के बाद अब स्मार्ट सिटी बनने वाला शहर जयपुर कितना साफ-सुथरा एवं स्मार्ट है। इतने पर भी स्थानीय दुकानदार एवं निवासी सफाई को लेकर अनिश्चित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी स्वच्छ भारत अभियान के प्रति कितना जागरूक हैं।