मंत्रालयिक कर्मचारियों ने तैयार की आंदोलन की रणनीति

श्रीगंगानगर। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से राज्य स्तरीय बैठक आयोजित करके मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगें मनवाने के लिए आंदोलन की रणनीति तैयार की है। साथ ही 60 दिनों से महासंघ की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान की गई और मुख्यमंत्री के नाम आठ सूत्री मांग-पत्र सौंपा गया।

जिलाध्यक्ष संदीप जाखड़ ने बताया कि राजस्थान का मंत्रालयिक कर्मचारी विगत 50 सालों में उपेक्षा का शिकार होते-होते राजकीय सेवा के अन्य सभी संवर्गों से वेतन भत्तों एवं पदौन्नति के अवसरों में पिछड़ते हुए निम्न स्तर पर पहुंच गया है। इस पीड़ा से आह्त यह संवर्ग लगातार अपने स्वाभिमान को प्राप्त करनेके लिए आंदोलनरत रहा है। साथ ही पिछले 60 दिनों से आंदोलनरत होने के बावजूद भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

जाखड़ ने बताया कि इसमें मुख्य मांग स्टेट पैरिटी के आधार परमंत्रालयिक संवर्ग पे सहित अन्य परिलाभ दिए जाएं, लिपिक ग्रेड-द्वितीय का ग्रेड-पे अन्य संवर्ग की भांति 3600 रुपए किया जाए। मंत्रालयिक संवर्ग को समयबद्ध पदौन्नति का अवसर देने, मंत्रालयिक कर्मचारियों का निदेशालय का गठन किया जाए व लिपिक ग्रेड द्वितीय की नई भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने सहित आठ सूत्री मांग की गई।

जयपुर में आयोजित इस बैठक में महासंघ के संविधान का गठन भी किया गया। इसमें सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों को जोडने के लिए सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और कर्मचारियों को जोडने के साथ संविधान के अनुसार चुनाव प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रियाएं आयोजित कराई जाएगी।

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