बंद के नाम पर कानून के रखवालों ने उड़ाए नियमों की धज्जियां
जयपुर। पिछले करीब डेढ़ माह से आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को प्रदेशव्यापी बंद के दौरान शहरभर में घूमकर दुकानों को बंद करवाकर...
हालांकि, प्रदेशभर में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। कई जगहों पर वकीलों ने जबरदस्ती बाजार बंद कराए। कई व्यवसायियों ने वकीलों के जाने के साथ ही फिर से शटर खोल लिए और अपनी रोजी-रोटी कमाने के कार्य में जुट गए।
जिला बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष गोपेश कुम्भज का कहना है कि जनता ने भी न्यायिक भ्रष्टाचार का विरोध किया है और अधिवक्ताओं का पूरा साथ दिया है। बाजार बंद रख कर सभी ने अपना आक्रोश दिखाया है। कुम्भज ने कहा कि कंटेप्ट आॅफ कोर्ट कानून, न्यायिक भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए वकील लड़ाई लड़ रहे हैं। न्यायाधीश बीस-बीस सालों से अटके मामलों का निस्तारण नहीं कर रहे हैं। कुम्भज ने कहा कि बिना पैसे भी भ्रष्टाचार होता है। जो न्यायाधीश कर रहे हैं। संभाग और जिला स्तर पर अपनी मांगो के लिए जनता का समर्थन पाकर सभी अधिवक्ता खुश हैं।
नियमों को किया तार-तार
अधिवक्ताओं के इस प्रदेशव्यापी बंद के दौरान अधिवक्ताओं ने एक ओर जहां अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में व्यापारी वर्ग एवं आमजन से सहयोग की अपील की, वहीं दूसरी ओर कानून के इन रखवालों ने नियम कायदों की परवाह किए बिना यातायात नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई।इंसाफ के मंदिरों में जहां न्यायपालिका द्वारा सभी को कानून की पालना करने की शिक्षा और संदेश दिया जाता है। वहीं बाजार बंद कराने को सड़कों पर उतरे कानून के पैरोकारों ने कानून की जमकर धज्जियां उड़ाईं। बिना हैलमेट पहने एक मोटर साइकिल पर तीन-तीन सवारी, उस पर भी इनमें से कुछ के हाथों में लाठियां भी नजर आई।
बहरहाल, ऐसे में अधिवक्ताओं के द्वारा बंद के नाम पर की गई यातायात नियमों की अवहेलना से जनता में कानून तोड़ने का जो संदेश दिया गया, उसे देख क्या उम्मीद की जा सकती है कि कानून के ये रखवाले जो कानून के दायरे में रहकर दूसरों को कानून की पालना का संदेश देते हैं, उसी कानून को वे खुद भी कितना अमल में लाते हैं।